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Modi-Yogi की जोड़ी ने Sanatan Dharma पर हमला करने वालों को Madhya Pradesh की धरती से आड़े हाथ लेकर क्या संकेत दिया है?

मध्य प्रदेश में एक बार फिर अपनी सरकार बनाने के लिए भाजपा पूरा प्रयास कर रही है। इस क्रम में चुनावों की घोषणा से पहले ही पार्टी अपने उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर चुकी है और दूसरी सूची में शामिल उम्मीदवारों के नामों को एक दिन पहले ही पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति में अंतिम रूप दिया गया है। भाजपा विभिन्न रैलियों और चुनावी आयोजनों के जरिये अपनी डबल इंजन सरकार की उपलब्धियों को तो गिना ही रही है साथ ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जनता पर चुनावी रेवड़ियों की भी बरसात कर दी है। इसके अलावा कांग्रेस को विभिन्न मुद्दों पर घेरा जा रहा है और अब विपक्षी गठबंधन के घटक दलों द्वारा सनातन धर्म पर किये गये हमले को भी चुनावी मुद्दा बना लिया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सनातन धर्म पर हमला करने वालों के खिलाफ जिस तरह मध्य प्रदेश की धरती से आवाज उठाई है उससे साफ संकेत मिलता है कि पार्टी राज्य विधानसभा चुनावों में इसको एक बड़ा मुद्दा बनाने जा रही है।
हम आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि विपक्ष का ‘घमंडिया’ गठबंधन (विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’) सनातन धर्म को समाप्त करना चाहता है। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म को खत्म करने के लिए इस घमंडिया गठबंधन ने हाल में हुई अपनी मुंबई बैठक में अपनी नीति एवं रणनीति बनाने के साथ-साथ अपना एक छिपा हुआ एजेंडा भी तय कर लिया है।

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मध्य प्रदेश के सागर जिले के बीना में 50,800 करोड़ रुपये की परियोजनाओं की आधारशिला रखने के बाद कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘जी20 की सफलता से आज देशवासी गौरवान्वित हैं। जी20 की सफलता का श्रेय मोदी को नहीं, ये आप सबको जाता है। ये भारत की सामूहिक शक्ति का प्रमाण है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इस सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए दुनियाभर से आए विदेशी मेहमान कह रहे थे कि ऐसा आयोजन उन्होंने पहले कभी नहीं देखा। भारत की विरासत और समृद्धि को देखकर वे बहुत ही प्रभावित थे। मध्य प्रदेश के भोपाल, इंदौर और खजुराहो में भी जी20 की बैठक हुई थी, उन बैठकों में शामिल होकर जो गए हैं, वो आपका गुणगान गा रहे हैं।’’
मोदी ने विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ (‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’) पर तंज कसते हुए कहा, ‘‘दूसरी तरफ कुछ ऐसे दल भी हैं, जो देश और समाज को विभाजित करने में जुटे हैं। इन्होंने मिलकर एक ‘इंडिया अलायंस’ बनाया है, जिसे कुछ लोग ‘घमंडिया गठबंधन’ भी कहते हैं। इनका नेता तय नहीं है, नेतृत्व पर भ्रम है। लेकिन इन्होंने अपनी मुंबई बैठक में ये घमंडिया गठबंधन कैसे काम करेगा इसकी नीति और रणनीति बना दी है। इन्होंने अपना एक छिपा हुआ एजेंडा भी तय कर लिया है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इस घमंडिया गठबंधन की नीति और रणनीति है, भारत की संस्कृति पर हमला करने की। इस इंडि-अलायंस (इंडिया गठबंधन) का निर्णय है कि भारतीयों की आस्था पर हमला करो। इस घमंडिया गठबंधन की नीयत है कि भारत को जिन विचारों और संस्कारों ने हजारों वर्ष से जोड़ा है, उसे तबाह कर दो।’’ मोदी ने कहा, ‘‘सनातन को खत्म करना ही घमंडिया गठबंधन की नीति है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ये घमंडिया गठबंधन वाले सनातन संस्कारों और परंपरा को समाप्त करने का संकल्प लेकर आए हैं। जिस सनातन को गांधी जी ने जीवनपर्यंत माना, जिस सनातन ने उन्हें अस्पृश्यता के खिलाफ आंदोलन चलाने के लिए प्रेरित किया। ये घमंडिया गठबंधन के लोग उस सनातन परंपरा को समाप्त करना चाहते हैं।’’
योगी आदित्यनाथ ने क्या कहा?
वहीं दूसरी ओर एक दिन पहले सनातन धर्म को ‘‘भारत का राष्ट्रीय धर्म’’ करार देते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि इस धर्म पर पहले भी प्रहार होते रहते हैं, लेकिन ‘‘सत्ताजीवी’’ लोग इसे मिटा नहीं पाएंगे। उन्होंने यह बात तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन के बेटे एवं राज्य के युवा कल्याण मंत्री उदयनिधि स्टालिन और पूर्व केंद्रीय मंत्री ए. राजा सरीखे द्रमुक नेताओं द्वारा सनातन धर्म को लेकर दिए गए विवादास्पद बयानों की पृष्ठभूमि में कही। इस विवाद के बाद भाजपा लगातार आरोप लगा रही है कि विपक्षी गठबंधन ‘‘इंडिया’’ सनातन धर्म विरोधी है। योगी आदित्यनाथ ने इंदौर में एक कार्यक्रम के दौरान कहा, ‘‘सनातन धर्म ही भारत का राष्ट्रीय धर्म है। इसकी शाश्वतता पर कोई भी व्यक्ति सवाल खड़ा नहीं कर सकता।’’ उन्होंने कहा कि पौराणिक काल से ईश्वर की वास्तविकता पर अविश्वास और सनातन धर्म पर प्रहार किया जाता रहा है। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि आज भी कई लोग भारत में रहकर सनातन धर्म को कोस रहे हैं और वे भारतीय मूल्यों, आदर्शों और सिद्धांतों पर प्रहार के किसी भी अवसर से नहीं चूकते हैं।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘आदि शंकराचार्य ने भारत के चार कोनों में चार पीठों की स्थापना करके देश की सांस्कृतिक एकता को मजबूत किया था। लेकिन, आज भारत, भारतीयता और सनातन धर्म पर प्रश्न उठाए जाते हैं। प्रश्न उठाने वाले वे ही लोग हैं जो कभी भगवान राम और भगवान कृष्ण के अस्तित्व पर भी सवाल उठाते थे।’’ उन्होंने भाजपा के विरोधियों पर तुकबंदी के अंदाज में निशाना साधते हुए कहा, ‘‘जो सनातन नहीं डिगा था रावण के अत्याचार से, जो सनातन नहीं मिटा था कंस के अहंकार से और जो सनातन नहीं मिटा था बाबर और औरंगजेब की तलवार से, उस सनातन को ये सत्ताजीवी क्या मिटा पाएंगे।’’ योगी आदित्यनाथ ने यह भी कहा कि ‘‘हिंदू’’ कोई धर्म सूचक शब्द नहीं, बल्कि भारतीयों के लिए प्रयुक्त किया जाने वाला सांस्कृतिक संबोधन है। उन्होंने कहा, ‘‘..लेकिन दुर्भाग्य है कि कुछ लोगों ने हिंदू संबोधन को भी संकुचित दायरे में लाने का प्रयास किया है।’’ मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘रावण ने भी ईश्वर की वास्तविकता पर प्रहार का प्रयास किया था, लेकिन परिणाम क्या हुआ? रावण को उसके अहंकार ने समाप्त कर दिया।’’ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने दावा किया कि मुगल शासक बाबर ने अयोध्या में भगवान राम का मंदिर तोड़ने का प्रयास किया था, लेकिन 500 साल बाद राम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर का निर्माण किया जा रहा है।
‘‘भारत बनाम इंडिया’’ के सियासी विवाद के बीच उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने कहा कि देश को पौराणिक काल से भारत के नाम से संबोधित किया जाता रहा है और इसके नागरिकों को “हिंदू” कहा जाता रहा है। उन्होंने दावा किया कि भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश के मुस्लिम जब हज करने मक्का जाते हैं, तो सऊदी अरब में उन्हें ‘‘हिंदू’’ कहकर ही संबोधित किया जाता है। जी20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने हाल ही में भारत आए ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक की तारीफ करते हुए योगी आदित्यनाथ बोले, ‘‘सुनक कहते हैं कि उन्हें हिंदू होने पर गर्व है। उन्हें मंदिर जाने, गौ माता की पूजा करने, संतों के सान्निध्य में बैठने और जय श्रीराम व जय सिया राम कहने में कोई संकोच नहीं है क्योंकि उनकी विरासत सनातन धर्म के संस्कारों, मूल्यों और अपनी जड़ों से जुड़ी है।’’ हम आपको बता दें कि एक दिवसीय दौरे पर मध्य प्रदेश आए आदित्यनाथ ने इंदौर में पूर्व होलकर राजवंश की शासक देवी अहिल्याबाई की 228वीं पुण्यतिथि के कार्यक्रम, नाथ मंदिर के ध्वज स्तंभ के अनावरण समारोह और शिवाजी प्रतिमा स्थल के लोकार्पण समारोह में हिस्सा लिया।

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