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अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के साथ बैठक के बाद मॉस्को रवाना हुए चीन के विदेश मंत्री

चीन के विदेश मंत्री वांग यी सप्ताहांत में माल्टा में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) जेक सुलिवन के साथ दो दिन की बैठक के बाद सुरक्षा वार्ताओं के लिए सोमवार को मॉस्को रवाना हो गए।
वांग सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के विदेश नीति मामलों का भी जिम्मा संभालते हैं।
चीन के विदेश मंत्रालय ने एक संक्षिप्त बयान में कहा कि वांग सोमवार से बृहस्पतिवार तक रूस की यात्रा पर रहेंगे, जहां वह बीजिंग और मॉस्को के बीच रणनीतिक सुरक्षा सहयोग पर कई दौर की चर्चा करेंगे।
यूक्रेन पर रूस के हमले को लेकर अमेरिका और चीन आमने-सामने हैं।

चीन ने युद्ध में किसी का पक्ष लेने से परहेज करते हुए कहा है कि एक तरफ जहां किसी देश की क्षेत्रीय संप्रभुता का सम्मान किया जाना चाहिए, वहीं दूसरी ओर पश्चिमी देशों को नाटो (उत्तर अटलांटिक संधि संगठन) के विस्तार को लेकर रूस की सुरक्षा चिंताओं पर गौर फरमाना चाहिए।
चीन ने अमेरिका पर यूक्रेन को हथियार मुहैया कराकर लड़ाई को लंबा खींचने का आरोप लगाया है, जबकि अमेरिका का कहना है कि ये हथियार रूसी आक्रामकता से बचाव के लिए आवश्यक हैं।
हाल के वर्षों में चीन और रूस के बीच नजदीकियां बढ़ी हैं, क्योंकि पश्चिमी देशों के साथ दोनों (चीन और रूस) के संबंध लगातार बिगड़ रहे हैं।

चीन समर्थन की तलाश में है, क्योंकि वह अमेरिका के नेतृत्व वाली अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को एक ऐसी व्यवस्था में बदलना चाहता है, जो उसके दृष्टिकोण के अधिक अनुकूल हो।
चीन ने पिछले महीने ब्रिक्स (ब्राजील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका) के विस्तार में मदद की, जिससे छह और देशों को पांच देशों के इस समूह में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया।
विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने वांग की रूस यात्रा को प्रमुख रणनीतिक सुरक्षा हितों पर गहन वार्ता के लिए नियमित यात्रा करार दिया।
वांग ने सुलिवन के साथ अपनी सप्ताहांत की बैठकों में यूक्रेन की स्थिति पर चर्चा की। दोनों पक्षों ने बातचीत को स्पष्ट, ठोस और रचनात्मक बताया।

चीन और अमेरिका के अस्थिर संबंधों को स्थिर करने और सुरक्षा, व्यापार, प्रौद्योगिकी और मानवाधिकारों पर मतभेदों को दूर करने के प्रयास के तहत यह बातचीत हुई। बातचीत का विवरण जारी नहीं किया गया।
वांग ने पिछले साल के अंत में विदेश मंत्री पद छोड़ दिया था और कम्युनिस्ट पार्टी के विदेश मामलों के प्रमुख का पद संभाला था। हालांकि, उनके उत्तराधिकारी छिन कांग के अचानक लापता हो जाने के बाद इस साल जुलाई में उन्हें फिर से विदेश मंत्री का पद सौंपा गया था।
यह स्पष्ट नहीं है कि छिन को क्या हुआ, लेकिन ऐसी अटकलें हैं कि सत्ताधारी पार्टी से मतभेद उनके लापता होने का कारण हो सकता है।

हाल में चीन के रक्षा मंत्री ली शांगफू को भी लगभग तीन सप्ताह से नहीं देखा गया है, जिससे उन्हें लेकर अटकलें तेज हो गई हैं। दो मौजूदा कैबिनेट सदस्यों का लापता होना असामान्य है, हालांकि यह रक्षा या विदेश नीति में किसी स्पष्ट बदलाव का संकेत नहीं देता है।
चीन की सरकार ने ली के लापता होने के बारे में कुछ नहीं कहा है। सोमवार को इस बारे में पूछे जाने पर विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ ने कहा कि उन्हें स्थिति की जानकारी नहीं है।

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