यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की दुनिया भर में घूम-घूमकर तो अपने देश के लिए समर्थन और सैन्य तथा आर्थिक मदद जुटाते ही हैं अब उन्होंने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भी जिस तरह अपने देश का पक्ष रखा और रूसी खतरों से दुनिया को आगाह किया उसकी विश्वभर में तारीफ हो रही है। हम आपको बता दें कि जेलेंस्की ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में दिये गये अपने दमदार भाषण में रूस को सीधे निशाने पर रखा। जेलेंस्की ने इस दौरान विश्व समुदाय से मांग की कि रूस की संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता को खत्म किया जाये ताकि उसकी वीटो पावर छिन सके। जेलेंस्की ने कहा कि जो हमलावर और आक्रमणकारी है उसके पास ही वीटो पावर भी है जिससे वह अपने खिलाफ लगने वाले हर प्रतिबंध और उठने वाले हर कदम को वीटो लगा कर रोक देता है। जेलेंस्की ने तालियों की गड़गड़ाहट के बीच कहा कि रूस का आक्रमण आपराधिक घटना है इसलिए संयुक्त राष्ट्र को मास्को से रूस की वीटो शक्ति को तत्काल छीन लेना चाहिए।
यह भी एक संयोग ही था कि जब जेलेंस्की भाषण दे रहे थे उस समय रूसी अधिकारी भी वहां मौजूद थे। हम आपको बता दें कि फरवरी 2022 में शुरू हुए हमले के बाद यह पहला अवसर था जब एक ही सभागार में रूस और यूक्रेन के अधिकारी साथ बैठे थे। अपनी ट्रेडमार्क सैन्य पोशाक पहने हुए ज़ेलेंस्की जब भाषण दे रहे थे तो रूसी अधिकारी उनकी बात को अनसुना करने की दृष्टि से अपने स्मार्टफोन को स्क्रॉल करके व्यस्त होने का दिखावा कर रहे थे।
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जहां तक जेलेंस्की के भाषण की बात है तो आपको बता दें कि इसमें उन्होंने रूस को पूरी तरह उधेड़ कर रख दिया। उन्होंने कहा कि दुनिया इस युद्ध की सच्चाई को जानती है। यह रूस द्वारा हमारे देश के खिलाफ एक आपराधिक और अकारण आक्रामकता है जिसका उद्देश्य यूक्रेन के क्षेत्र और संसाधनों पर कब्जा करना है। ज़ेलेंस्की ने कहा कि यदि रूस से उसकी सुरक्षा परिषद की वीटो शक्ति छीन ली जायेगी तो यह संयुक्त राष्ट्र में एक बड़ा सुधार होगा। ज़ेलेंस्की ने कहा कि आक्रामक के हाथों में वीटो शक्ति ने संयुक्त राष्ट्र को मुश्किल स्थिति में धकेल दिया है। जेलेंस्की ने चीन पर भी अप्रत्यक्ष रूप से निशाना साधते हुए कहा कि युद्ध को रोकना असंभव है क्योंकि सभी प्रयासों पर हमलावर या उन लोगों द्वारा वीटो कर दिया जाता है जो हमलावर को नज़रअंदाज़ करते हैं। राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की ने यूक्रेनी रुख दोहराया कि वीटो शक्ति पूर्व सोवियत संघ की थी ना कि रूस की। ज़ेलेंस्की ने कहा, “दुर्भाग्य से सुरक्षा परिषद की सीट पर रूस ने सोवियत संघ के पतन के बाद चालाकी से अवैध रूप से कब्जा कर लिया है।”
ज़ेलेंस्की ने कहा कि रूस द्वारा यूक्रेनी बच्चों का निर्वासन नरसंहार के समान है। हम आपको बता दें कि इसी मामले में पुतिन के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय अदालत से वारंट जारी हुआ है। राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की ने यूक्रेन को मानवता के हित में समर्थन देने की सबसे अपील करते हुए कहा कि रूस भोजन और ऊर्जा दोनों को “हथियार” बना रहा है, जिसमें संयुक्त राष्ट्र समर्थित व्यवस्था को रोकना भी शामिल है जो यूक्रेन को काले सागर के माध्यम से अनाज को सुरक्षित रूप से भेजने की अनुमति देता है।
हम आपको यह भी बता दें कि संयुक्त राष्ट्र महासभा के वार्षिक सत्र में जेलेंस्की के संबोधन से पहले तब हंगामा हो गया था जब रूसी पक्ष ने सुरक्षा परिषद के वर्तमान अध्यक्ष अल्बानिया के प्रधानमंत्री एडी रामा के फैसले पर सवाल उठाया था। दरअसल सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष ने पहले यूक्रेन को बोलने की अनुमति दे दी थी जिस पर रूसी राजदूत वासिली नेबेंज़िया ने आपत्ति जताते हुए कहा था कि पूर्व हास्य कलाकार ज़ेलेंस्की को पहले पेश होने देने से सुरक्षा परिषद के अधिकार कमज़ोर होंगे और इस सत्र के “एक व्यक्ति स्टैंड-अप शो” में बदलने का जोखिम रहेगा। इस पर अध्यक्ष एडी रामा ने रूसी राजदूत को बड़े धैर्यपूर्वक जवाब देते हुए कहा कि यहां एक समाधान है। आप युद्ध रोक दें तो राष्ट्रपति जेलेंस्की यहां भाषण देने नहीं आएंगे।
हम आपको यह भी बता दें कि यूक्रेनी राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की से पहले संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने भी अपने संबोधन के दौरान रूस की कड़ी आलोचना की थी। एंटोनियो गुटेरेस ने कहा, “यूक्रेन पर रूस का आक्रमण, संयुक्त राष्ट्र चार्टर और अंतरराष्ट्रीय कानून का स्पष्ट उल्लंघन है। उन्होंने कहा कि यह आक्रमण भू-राजनीतिक तनाव और विभाजन को बढ़ा रहा है तथा क्षेत्रीय स्थिरता को खतरे में डाल रहा है। एंटोनियो गुटेरेस ने कहा कि रूसी आक्रमण परमाणु खतरे को बढ़ा रहा है और हमारी बढ़ती बहुध्रुवीय दुनिया में गहरी दरारें भी पैदा कर रहा है।”
हम आपको यह भी बता दें कि रूस का पक्ष रखने के लिए रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव भी संयुक्त राष्ट्र पहुँचे हैं। सर्गेई लावरोव संयुक्त राष्ट्र में अपने देश के राजदूत रह चुके हैं और अपने तीखे बयानों के लिए खासतौर पर जाने जाते हैं। जब वह न्यूयॉर्क पहुँचे तो उन्होंने आधिकारिक रूसी मीडिया से कहा कि उन्होंने यूरोपीय हवाई क्षेत्र से बचने के लिए घुमावदार रास्ते से उड़ान भरी। हम आपको यह भी बता दें कि संयुक्त राष्ट्र की कम ही यात्रा करने वाले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन इस साल भी वार्षिक सत्र में नहीं आये। देखा जाये तो उन्होंने हाई-प्रोफाइल राजनयिक समारोहों में जाना छोड़ दिया है क्योंकि पश्चिमी देश उन्हें अलग-थलग करना चाहते हैं। इसके अलावा पुतिन को अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय द्वारा जारी गिरफ्तारी वारंट का भी डर सता रहा है।
बहरहाल, ज़ेलेंस्की के इस भाषण के बाद दुनियाभर में इस बात पर चर्चाएं शुरू हो गयी हैं कि क्या रूस की वीटो शक्ति छीनी जा सकती है? हालांकि इसकी संभावनाएं बेहद कम हैं लेकिन वीटो शक्ति छीने जाने का एक उदाहरण मौजूद है। हम आपको बता दें कि 1971 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने चीन के प्रतिनिधि के रूप में ताइवान से वीटो शक्ति छीन ली थी और इसकी जगह बीजिंग की कम्युनिस्ट सरकार को यह शक्ति सौंप दी गयी थी।