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वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट के 20 वर्ष पूरे होने के अवसर पर बुधवार को अहमदाबाद के साइंस सिटी में आयोजित ‘समिट ऑफ सक्सेस’ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि दो दशक पहले बोया गया छोटा-सा बीज आज विशाल वाइब्रेंट वटवृक्ष बन गया है।
उन्होंने कहा कि वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट वन टाइम इवेंट से एक इंस्टीट्यूशन बन गई है। यह समिट हर बार सफलता की नई ऊंचाइयां हासिल कर रही है।
प्रधानमंत्री ने वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट की सफलता का मंत्र समझाते हुए कहा कि वाइब्रेंट समिट की सफलता में आइडिया, इमेजिनेशन और इम्प्लिमेंटेशन यानी विचार, कल्पना और कार्यान्वयन जैसे मूल तत्व शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि वाइब्रेंट समिट के माध्यम से गुजरात ने दुनिया को बताया है कि योग्य निर्णय प्रक्रिया और फोकस्ड एप्रोच से किस तरह बदलाव आ सकता है। वाइब्रेंट समिट गुजरातियों की क्षमता और विभिन्न सेक्टरों में मौजूद संभावनाओं को दुनिया के समक्ष प्रस्तुत करने का एक जरिया बन गई है। यह वाइब्रेंट समिट दुनिया को देश के टैलेंट का परिचय देने और गुजरात की दिव्यता, भव्यता एवं सांस्कृतिक विरासत को उजागर करने का एक माध्यम बन गई है।
प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों, देश एवं दुनिया के उद्योग जगत के अग्रणियों का आह्वान किया कि वे ऐसे क्षेत्रों की तलाश करें जहां विकास की नई संभावनाओं के साथ भारत अपनी स्थिति मजबूत कर सकता है, और फिर वे इस पर आगामी वाइब्रेंट समिट में विचार-मंथन करें।
प्रधानमंत्री ने स्वामी विवेकानंद को याद करते हुए कहा कि हर अच्छे कार्य को उपहास, विरोध और उसके बाद स्वीकृति, इस तरह तीन अवस्थाओं से होकर गुजरना पड़ता है। जब वाइब्रेंट समिट की परंपरा शुरू की, तब लोग कहते थे कि यह तो केवल ब्रांडिंग इवेंट है। परन्तु आज दुनिया के समक्ष वाइब्रेंट समिट की सफलता ने साबित कर दिया है कि यह केवल ब्रांडिंग नहीं बल्कि बॉन्डिंग का इवेंट है। गुजरात के सात करोड़ नागरिकों के सामर्थ्य और स्नेह से पिछले 20 वर्षों में वाइब्रेंट समिट की प्रत्येक शृंखला सफल सिद्ध हुई है।
प्रधानमंत्री ने वाइब्रेंट समिट की दो दशकों की सफलता का वर्णन करते हुए कहा कि 2003 में कुछ सौ प्रतिभागी ही आए थे और अब 40 हजार से अधिक प्रतिभागी इस समिट में शामिल होते हैं। 2003 में कुछ ही देशों ने इस समिट में पार्टिसिपेट किया था, जबकि अब 135 से अधिक देश वाइब्रेंट समिट में हिस्सा लेने आते हैं। 2003 में लगभग 30 एग्जीबिटर समिट से जुड़े थे, जबकि अब 2000 से अधिक एग्जीबिटर इस समिट का एक योग्य मंच के रूप में उपयोग करते हैं।
उन्होंने कहा कि गुजरात ने अनोखे तरीके से सोचा। उस वक्त वाइब्रेंट समिट में किसी विकसित देश को पार्टनर कंट्री बनाने के बारे में किसी ने सोचा भी न था, लेकिन गुजरात ने कर दिखाया। उन्हीं अधिकारियों और उन्हीं संसाधनों के साथ गुजरात ने ऐसा कर दिखाया, जिसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की थी।
उन्होंने कहा कि हम देश के अन्य राज्यों के मुख्यमंत्रियों को भी वाइब्रेंट समिट में हिस्सा लेने के लिए, उनके राज्य की क्षमताओं को दिखाने के लिए आमंत्रित करते थे। हम देश के अलग-अलग संगठनों, विभिन्न औद्योगिक मेलों आदि को जोड़कर अनेक वर्टिकल को वाइब्रेंट समिट के साथ जोड़ते चले गए।
उन्होंने कहा कि 20 वर्ष एक लंबा समय होता है, आज की युवा पीढ़ी को शायद पता भी नहीं होगा कि भूकंप के बाद गुजरात की स्थिति क्या थी! 2001 से पहले के वर्षों में लगातार अकाल और उसके बाद आए भूकंप से हजारों लोगों की मौत हो गई और लाखों लोग इससे प्रभावित हुए।
प्रधानमंत्री ने कहा कि मुश्किल परिस्थिति यहीं नहीं रुकी, माधवपुरा मर्केंटाइल बैंक के बंद होने से अन्य 133 सहकारी बैंक भी प्रभावित हुए। एक तरह से गुजरात के आर्थिक जीवन में हाहाकार मच गया था।
उन्होंने कहा कि “मुझे अटूट भरोसा था कि गुजरात इस विकट परिस्थिति से बाहर निकलेगा।” जो लोग गुजरात विरोधी एजेंडा लेकर आते थे, वे हर घटना का अपने तरीके से विश्लेषण करते थे और गुजरात को बदनाम करने की कोशिशें करते थे। ऐसे लोग कहा करते थे कि गुजरात से युवा, उद्योग और व्यापारी, सभी पलायन कर जाएंगे, गुजरात बर्बाद हो जाएगा और देश के लिए एक बोझ बन जाएगा। बदनामी का षड्यंत्र रचने वालों ने निराशा का माहौल खड़ा कर दिया था और वे कहते थे कि गुजरात कभी अपने पैरों पर खड़ा नहीं हो पाएगा।
प्रधानमंत्री ने इस संदर्भ में कहा कि मुसीबत के इस समय में उन्होंने संकल्प लिया कि हर परिस्थिति में से गुजरात को बाहर निकालना है, आगे ले जाना है। इस विचार से वाइब्रेंट समिट की शुरुआत हुई और गुजरात का न केवल पुनर्निर्माण हुआ, बल्कि दशकों बाद का विचार कर सरकार ने राज्य के विकास के कार्य शुरू किए। वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट इस दीर्घकालीन विकास का एक माध्यम बन गई है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि वाइब्रेंट समिट परंपरा जब शुरू हुई, तब तत्कालीन केन्द्र सरकार गुजरात के विकास के प्रति अरुचि दर्शाती थी; परंतु गुड, फेयर एंड ट्रांसपरेंट गवर्नेंस, पॉलिसी ड्रिवन स्टेट तथा इक्वल सिस्टम ऑफ ग्रोथ के परिणामस्वरूप देश-विदेश के उद्योग गुजरात में आते गए।
प्रधानमंत्री ने कहा कि वाइब्रेंट समिट की शुरुआत की, तब हमारा उद्देश्य गुजरात को देश के विकास का ग्रोथ इंजन बनाना था। समग्र देश ने इस परिकल्पना को वास्तव में साकार होते देखा है।
उन्होंने कहा कि उन्होंने वर्ष 2014 में जब केन्द्र में नेतृत्व संभाला, तब भारत को दुनिया का ग्रोथ इंजन बनाने का संकल्प व्यक्त किया था। भारत आज दुनिया में सबसे तेजी से आगे बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था है। भारत ग्लोबल इकोनॉमिक पावर हाउस बनने जा रहा है। अब भारत को दुनिया की शीर्षस्थ तीन अर्थव्यवस्थाओं में स्थान दिलाना है।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि 20वीं शताब्दी में गुजरात की छवि ट्रेडर्स के रूप में थी। उसे 21वीं शताब्दी में बदल कर ट्रेड के साथ एग्रीकल्चर पावर हाउस, फाइनेंशियल हब तथा इंडस्ट्री व मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम के रूप में नई पहचान दिलाई। इसके कारण गुजरात की व्यापारिक पहचान भी अधिक मज़बूत हुई। ये सब वाइब्रेंट गुजरात की सफलता है, जो आइडिया, इनोवेशन तथा इंडस्ट्रीज के इनक्यूबेटर के रूप में कार्य कर रही है।
श्री मोदी ने कहा कि पिछले दो दशकों में गुजरात ने ऑटोमोबाइल, मैन्युफैक्चरिंग, केमिकल, डाइज व इंटरमीडिएट्स, फूड प्रोसेसिंग, मेडिकल डिवाइस मैन्युफैक्चरिंग, प्रोसेस्ड डायमंड, सिरामिक आदि क्षेत्रों में नए आयाम पार किए हैं।
उन्होंने कहा कि गुजरात देश का टॉप एक्सपोर्टर राज्य बन गया है। गुजरात ने गत वर्ष लगभग 2 बिलियन यूएस डॉलर का एक्सपोर्ट किया था। आगामी समय में डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग बहुत बड़े क्षेत्र के रूप में उभर कर आने वाला है।
उन्होंने कहा कि भारत आज दुनिया में सस्टेनेबिलिटी के मामले में नेतृत्व कर रहा है। देश के स्टार्टअप इकोसिस्ट को वाइब्रेंट समिट का किस प्रकार अधिकतम लाभ मिल सके; इस संबंध में भी विचार करना होगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज का समय विराम का समय नहीं है। पिछले 20 वर्षों की तुलना में आगामी 20 वर्ष अधिक महत्वपूर्ण हैं। जब हम वाइब्रेंट समिट की सफलता के 40 वर्ष मनाएँ, तब हमें विकसित भारत-आत्मनिर्भर भारत के रूप में राष्ट्र को दुनिया के समक्ष प्रस्तुत करना है।
मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र पटेल ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी को जी-20 प्रेसिडेंसी की ऐतिहासिक सफलता के लिए समग्र गुजरात की जनता की ओर से अभिनंदन देते हुए अपने संबोधन की शुरुआत की।
श्री पटेल ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में नए भारत के साथ विश्व के देश सहभागिता के लिए तत्पर हैं। इसके कारण आज भारत में नई टेक्नोलॉजी, नए उद्योग तथा नए रोजगार के अवसर आ रहे हैं।
उन्होंने कहा कि गुजरात में नए उद्योग आएँ, नई टेक्नोलॉजी आए, नए रोजगार आएँ; ऐसे विजन के साथ दो दशक पहले प्रधानमंत्री ने वाइब्रेंट समिट का विचार दिया था।
श्री भूपेंद्र पटेल ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा वर्ष 2003 में बोया गया वाइब्रेंट समिट का बीज आज 20 वर्षों में एक वटवृक्ष के रूप में उभर कर आया है। गुजरात को उद्योग, पूंजी निवेश एवं रोजगार सृजन क्षेत्र में ग्लोबल मैप पर चमकाने का श्री मोदी का सपना साकार हुआ है। इस अवसर को हम समिट ऑफ सक्सेस के रूप में मना रहे हैं।
उन्होंने आगे कहा कि वाइब्रेंट गुजरात समिट के फलस्वरूप आर्थिक विकास के साथ समाज के हर वर्ग व हर क्षेत्र तक विकास पहुँचा है। इस समिट ने गुजरात की प्रगति के नए बेंचमार्क स्थापित किए हैं। आज गुजरात देश का अग्रणी एक्सपोर्टर स्टेट है और फॉर्च्यून-500 कंपनियों में से अनेक कंपनियाँ गुजरात में अपना कारोबार चला रही हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि दो दशक पहले वाइब्रेंट महोत्सव के प्रारंभ में प्रधानमंत्री (तत्कालीन मुख्यमंत्री) ने गुजरात तथा गुजरातियों की क्षमता पर अटूट विश्वास व्यक्त करते हुए ‘Gujarat Can and Gujaratis Will’ का मंत्र दिया था। प्रधानमंत्री द्वारा व्यक्त किया गया वह विश्वास आज ‘सबका साथ, सबका विकास’ के मंत्र से चरितार्थ हुआ है।
उन्होंने आगे कहा कि आज गुजरात में भारत का सर्वप्रथम इंटरनेशनल सर्विसेज सेंटर ‘GIFT सिटी’, सबसे बड़ा ग्रीन फील्ड धोलेरा स्थित ‘स्पेशल इन्वेस्टमेंट रीजन’, विश्व का सबसे बड़ा सिंगल ऑफिस कॉम्प्लेक्स ‘ड्रीम सिटी’ आदि जैसे विश्व स्तरीय प्रोजेक्ट्स कार्यरत् हैं।
मुख्यमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत विश्व की पाँचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना है और प्रधानमंत्री का लक्ष्य 2027 तक भारत को फाइव ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था बनाने का है। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए गुजरात प्रो-एक्टिव पॉलिसीज तथा प्रो-पीपल गवर्नेंस के साथ योगदान देने को कटिबद्ध है।
श्री भूपेंद्र पटेल ने कहा कि गुजरात सेमीकंडक्टर्स, डिसप्ले फैब्स, ग्रीन हाइड्रोन, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, 5जी, एडवांस्ड मटीरियल्स, क्लाउड कम्यूटिंग तथा ई-कॉमर्स जैसे उभरते हुए क्षेत्रों में ध्यान केन्द्रित कर रहा है।
श्री पटेल ने दृढ़तापूर्वक जोड़ा कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में गुजरात आगामी वर्षों में ग्रीन हाइड्रोजन हब बन कर विश्व की क्लाइमेट चेंज की चुनौतियों के विरुद्ध तथा ग्लोबल सस्टेनेबिलिटी में अपना योगदान देने को भी तैयार है। गुजरात अपनी ऐसी क्षमताएँ उजागर करके दुनिया के देशों के लिए गेट वे टु द फ्यूचर बनने को सज्ज है।
उद्योग मंत्री श्री बळवंतसिंह राजपूत ने स्वागत संबोधन में कहा कि गुजरात के सुगठित विकास के लिए आज से 20 वर्ष पहले उद्योग क्षेत्र में गुजरात की प्रगति को और अधिक गति देने के लिए तत्कालीन मुख्यमंत्री व वर्तमान प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने वर्ष 2003 में वाइब्रेंट गुजरात की शुरुआत की थी और आज भी उनके मार्गदर्शन में वाइब्रेंट गुजरात की दसवीं श्रृंखला आयोजित हो रही है। यह हम सबके लिए गौरव का विषय है।
उन्होंने जोड़ा कि वर्ष 2019 में नौवीं वाइब्रेंट गुजरात समिट में हुए एमओयू में से 90 प्रतिशत एमओयू साकार हुए हैं। आज़ादी के अमृतकाल से पहले वाइब्रेंट गुजरात के दौरान राज्य में दिसंबर-2022 से अब तक 118 प्रोजेक्ट के लिए एमओयू किए गए और 1,47,000 करोड़ रुपए का पूंजी निवेश होने वाला है। इसमें से अधिकांश प्रोजेक्ट उत्पादन की प्रक्रिया में आ चुके हैं तथा शेष क्रियान्वयनाधीन हैं। इस अवसर पर JETRO साउथ एशिया के महानिदेशक श्री तकाशी सुजुकी, आर्सेलर मित्तल ग्रुप के चेयरमैन श्री लक्ष्मी मित्तल, वेलस्पन ग्रुप के चेयरमैन श्री. बी. के. गोयंका ने भी प्रासंगिक संबोधन किया।
इससे पहले प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने साइंस सिटी स्थित ‘समिट ऑफ सक्सेस’ पैवेलियन का उद्घाटन किया तथा पैवेलियन को देखा।
इस अवसर पर उद्योग राज्य मंत्री श्री हर्ष संघवी, सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्योग (MSMEs) राज्य मंत्री श्री जगदीश विश्वकर्मा, नवसारी के सांसद श्री सी. आर. पाटिल, राज्य मंत्रिमंडल के सदस्यगण, अहमदाबाद की महापौर श्रीमती प्रतिभा जैन, मुख्य सचिव श्री राज कुमार, मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव श्री के. कैलाशनाथन सहित उच्चाधिकारी, राजदूत, अग्रणी उद्योगपति, उद्योग संगठन, व्यापार वाणिज्य क्षेत्र के अग्रणी दिग्गज, युवा उद्यमी, स्टार्टअप्स, उच्च एवं तकनीकी शिक्षा देने वाले कॉलेजों के विद्यार्थी उपस्थित रहे।