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मणिपुर के आदिवासी समूह ने अनिश्चितकालीन बंद की धमकी दी

मणिपुर के कांगपोकपी स्थित आदिवासी संगठन ‘कमेटी ऑन ट्राइबल यूनिटी’ (सीओटीयू) ने सोमवार को धमकी दी कि अगर केंद्र पिछले तीन दिन में केंद्रीय एजेंसियों द्वारा गिरफ्तार किए गए सभी लोगों को तुरंत रिहा करने में विफल रहा तो जिले में अनिश्चितकालीन बंद शुरू किया जाएगा।
दो मणिपुरी विद्यार्थियों की हत्या के सिलसिले में सीबीआई द्वारा चार लोगों को गिरफ्तार किए जाने की निंदा करते हुए सीओटीयू ने सोमवार को एक बयान में कहा, कमेटी केंद्रीय गृह मंत्रालय को 48 घंटे का अल्टीमेटम देती है कि वह केंद्रीय एजेंसियों को गिरफ्तार सभी आदिवासियों को तुरंत रिहा करने और मैतेई अपराधियों की जांच शुरू करने का निर्देश दे।

सीओटीयू का अल्टीमेटम सीबीआई द्वारा चार लोगों और एनआईए द्वारा सेमिनलुन गंगटे को गिरफ्तार किए जाने के विरोध में मणिपुर के दक्षिणी जिले चुराचांदपुर आधारित इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम (आईटीएलएफ) द्वारा अनिश्चितकालीन बंद की घोषणा किए जाने के एक दिन बाद आया है।
सीओटीयू ने भी गंगटे की गिरफ्तारी की निंदा की और आरोप लगाया कि यह केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से पक्षपातपूर्ण रवैये का स्पष्ट संकेत है।
गंगटे को एनआईए ने मणिपुर में मौजूदा जातीय अशांति का फायदा उठाकर भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने के लिए बांग्लादेश और म्यांमा आधारित आतंकी संगठनों के नेतृत्व द्वारा अंतरराष्ट्रीय साजिश और जून में हुए क्वाक्टा कार बम विस्फोट के सिलसिले में गिरफ्तार किया था, जिसमें तीन लोग घायल हो गए थे।

सीओटीयू ने थानों से हथियार और गोला-बारूद लूटने वाले लोगों की गिरफ्तारी और मई में दो महिलाओं को निर्वस्त्र घुमाने वालों को कड़ी सजा देने की भी मांग की।
जुलाई में, मणिपुर पुलिस ने दो महिलाओं को निर्वस्त्र घुमाने के आरोप में सात से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया था।
एनआईए ने 22 सितंबर को एक अन्य मामले में इंफाल से मोइरांगथेम आनंद सिंह को गिरफ्तार किया था।
मणिपुर पुलिस ने पुलिस शस्त्रागार से लूटे गए हथियार रखने के आरोप में सिंह को चार अन्य लोगों के साथ गिरफ्तार किया था।

हालांकि, सभी पांच लोगों को जमानत मिल गई, लेकिन सिंह को एनआईए ने आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया।
अधिकारियों ने कहा कि उसे दिल्ली लाया गया और उचित कानूनी प्रक्रिया का सामना कर रहा है।
राज्य में स्थिति अभी भी तनावपूर्ण होने के कारण, राज्य सरकार ने सभी स्कूलों को 5 अक्टूबर या अगली सूचना तक बंद रखने का फैसला किया है।

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