भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने बुधवार को कहा कि वह मध्यप्रदेश का आगामी विधानसभा चुनाव केवल विधायक बनने के लिए नहीं लड़ रहे हैं और पार्टी उन्हें ‘‘कुछ और बड़ी’’ जवाबदारी देगी।
विजयवर्गीय ने मध्य प्रदेश सरकार की मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना को लेकर शहर में आयोजित कार्यक्रम में कहा,‘‘मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि (आगामी विधानसभा चुनाव में) भारतीय जनता पार्टी की सरकार फिर से बनने वाली है। मैं केवल विधायक बनने नहीं आया हूं। मुझे पार्टी की ओर से कुछ और बड़ी जवाबदारी मिलेगी।’’
उन्होने कहा,‘‘मुझे जब बड़ी जवाबदारी मिलेगी, तो मैं बड़ा काम भी करूंगा। मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि हमने विकास किया है और हम आगे भी विकास करेंगे।
विजयवर्गीय (67) ने अपने चुनाव अभियान के तहत एक अन्य कार्यक्रम के दौरान भाजपा कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए दावा किया कि राज्य भर में अब तक ऐसा कोई अधिकारी पैदा नहीं हुआ है, जो फोन पर उनके द्वारा बताया गया काम न करे।
उन्होंने कहा,‘‘मैं पिछले 10-12 साल से इंदौर के मामलों में कम ही बोलता था क्योंकि मैं बाहर घूमता रहता था, पर जैसे ही भाजपा उम्मीदवार के रूप में मेरा नाम घोषित हुआ, तो आधे अधिकारियों की नींद उड़ गई है।’’
प्रदेश में कांग्रेस की चुनाव प्रचार अभियान समिति के सह-अध्यक्ष जीतू पटवारी ने विजयवर्गीय के इस बयान पर कटाक्ष करते हुए कहा कि वह एक बड़े नेता हैं, पर उन्हें छोटा चुनाव लड़ना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि भाजपा महासचिव को उथली बयानबाजी से बचना चाहिए।
मध्यप्रदेश के काबीना मंत्री रहे विजयवर्गीय, राज्य के भाजपा के उन वरिष्ठ नेताओं में शुमार हैं जिन्हें मुख्यमंत्री पद का दावेदार माना जाता रहा है।
भाजपा ने 10 साल के लम्बे अंतराल के बाद विजयवर्गीय को चुनावी टिकट दिया है।
विजयवर्गीय ने इंदौर जिले की अलग-अलग सीटों से 1990 से 2013 के बीच लगातार छह बार विधानसभा चुनाव जीता था। उन्होंने अपना पिछला विधानसभा चुनाव 2013 में जिले की महू सीट से लड़ा था। इस चुनाव में उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी और कांग्रेस उम्मीदवार अंतर सिंह दरबार को 12,216 वोट से हराया था।