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West Bengal: राम मंदिर के तर्ज पर बने दुर्गा पूजा पंडाल का अमित शाह ने किया उद्घाटन, बिना नाम लिए ममता पर साधा निशाना

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राजनीति पर बात न करते हुए भी राजनीति पर बात की। शाह सोमवार को मध्य कोलकाता में संतोष मित्रा स्क्वायर पूजा (भाजपा पार्षद सजल घोष द्वारा शुरू की गई) का उद्घाटन करने आए थे। उस मंच से शाह ने कहा, ”मैं आज राजनीति पर बात करने नहीं आया हूं। लेकिन मैं राजनीति के बारे में बात करने के लिए बंगाल वापस आऊंगा। मैं राजनीति के बारे में बात करूंगा। मैं यहां बदलाव के लिए अपनी सारी ऊर्जा झोंक दूंगा।” शाह ने किसी पार्टी का नाम नहीं लिया। लेकिन उन्होंने बताया कि उनका लक्ष्य क्या है। इस बार संतोष मित्रा स्क्वायर की थीम अयोध्या का राम मंदिर है। 
 

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पूजा का उद्घाटन करते हुए शाह ने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर का उद्घाटन जनवरी में होने जा रहा है।’ उससे पहले कलकत्ता के लोगों ने राम मंदिर का उद्घाटन किया। दुर्गा पूजा के माध्यम से, कलकत्ता ने राम मंदिर के विचार को दुनिया भर के लोगों तक पहुंचाया। उन्होंने कहा कि आज मैं पंडाल में जाकर माँ के आगे प्रार्थना करूंगा कि पश्चिम बंगाल में भ्रष्टाचार, अन्याय और अत्याचार जल्द समाप्त हो। उन्होंने कहा कि हमारे शास्त्रों की मानें तो ब्रह्मांड में हमेशा सद् शक्ति की रक्षा के लिए अनेक युद्ध करके रक्तबीज से लेकर शुंभ-निशुंभ तक अनेक आसुरी तत्वों का विनाश करने का काम किया है। अमित शाह ने कही भी मुख्य मंत्री ममता बनर्जी का नाम को नहीं लिया पर इशारों-इशारों में निशाना साधने का मौका भी नहीं छोड़ा।
 

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शाह की कलकत्ता यात्रा वस्तुतः एक आश्चर्यजनक यात्रा थी। शाह छत्तीसगढ़ चुनाव के लिए प्रचार करने के लिए सुबह गुजरात से रवाना हुए। वहां से वह कोलकाता आये। सजल पूजा का उद्घाटन करने के बाद वह दिल्ली के लिए रवाना हो गये। राजनीतिक हलकों में कई लोगों के अनुसार, 2021 के चुनावों से पहले बंगाल के सबसे अच्छे त्योहार के लिए भाजपा के केंद्रीय नेताओं का उत्साह हार के बाद कम हो गया था। बीजेपी की अपनी पूजा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भाषण- ये सब नहीं देखा गया। हालांकि, सप्तमी को बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा का राज्य में आने का कार्यक्रम है। शाह के दौरे से पहले रविवार को बीजेपी की बैठक में ‘असहमति’ दिखी। विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी मौजूद थे लेकिन प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष मौजूद नहीं थे। रविवार सुबह दिलीप ने फिर कहा कि उन्हें नहीं पता था कि अमित शाह आ रहे हैं। हालांकि, सोमवार को दिलीप को छोड़कर बाकी सभी लोग मंच पर थे।

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