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राजनयिक दस्तावेज लीक करने का मामला: इमरान खान, कुरैशी का अभ्यारोपण 23 अक्टूबर के लिए स्थगित

पाकिस्तान की एक विशेष अदालत ने गोपनीय राजनयिक दस्तावेज कथित रूप से लीक करने के मामले में देश के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान और उनके निकट सहयोगी शाह महमूद कुरैशी के अभ्यारोपण की कार्रवाई को मंगलवार को 23 अक्टूबर तक के लिए स्थगित कर दिया।
यह मामला उस राजनयिक दस्तावेज से संबद्ध है, जिसका इस्तेमाल पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ (पीटीआई) के अध्यक्ष खान ने पिछले साल अप्रैल में उन्हें सत्ता से बेदखल करने की कथित तौर पर साजिश रचने को लेकर अपने विरोधियों की आलोचना करने के लिए किया था।
यह दस्तावेज उनके पास से कथित तौर पर गुम हो गया। खान की पार्टी का आरोप है कि इस दस्तावेज में खान को पद से हटाने को लेकर अमेरिका द्वारा दी गई धमकी थी।
सरकार द्वारा गठित विशेष अदालत ने मंगलवार को रावलपिंडी की अदियाला जेल में इस मामले की बंद कमरे में सुनवाई शुरू की। इससे पहले इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने जेल में सुनवाई किए जाने के खिलाफ खान की याचिका सोमवार को खारिज कर दी थी।

विशेष अदालत के न्यायाधीश अबुल हसनत जुल्करनैन ने मामले की सुनवाई 23 अक्टूबर तक के लिए स्थगित करते हुए कहा कि खान और पूर्व विदेश मंत्री कुरैशी को उसी दिन अभ्यारोपित किया जाएगा।
‘डॉन’ समाचार पत्र की खबर के अनुसार, वकील सलमान सफदर और खालिद यूसुफ चौधरी 71 वर्षीय खान के वकील के रूप में उपस्थित हुए।
कुरैशी की पत्नी और बेटी भी अदालत पहुंचीं लेकिन इसकी पुष्टि नहीं हुई है कि उन्हें सुनवाई में शामिल होने की अनुमति दी गई या नहीं।
मामले की सुनवाई के दौरान संघीय जांच एजेंसी (एफआईए), विशेष अभियोजक शाह खावर, खान, कुरैशी और उनकी कानूनी टीम मौजूद थीं।

‘जियो न्यूज’ के अनुसार, खावर ने पत्रकारों को बताया कि अभ्यारोपण की कार्रवाई अगले सप्ताह सोमवार (23 अक्टूबर) को होगी, जिसके बाद मामले की नियमित सुनवाई आरंभ होगी।
अदालत के नौ अक्टूबर के फैसले के अनुसार, खान को आज यानी मंगलवार को अभ्यारोपित किया जाना था लेकिन मंगलवार को यह कार्रवाई नहीं हो सकी और अदालत ने संदिग्धों को केवल चालान (आरोप पत्र) की प्रतियां वितरित कीं।

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