महाराष्ट्र में समृद्धि एक्सप्रेसवे पर ट्रक से टकराने वाली मिनी बस के लंबित मोटर वाहन (एमवी) कर का हादसे के चार घंटे से भी कम समय में ऑनलाइन भुगतान कर दिया गया। क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (आरटीओ) के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।
इस हादसे में 12 लोगों की जान चली गयी थी।
दुर्घटनग्रस्त मिनीबस नासिक क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय में पंजीकृत थी। एक अधिकारी ने बताया कि एक सितंबर से 30 तक तथा एक अक्टूबर से 31 अक्टूबर तक की अवधि का मिनीबस का मोटर वाहन(एमवी) कर का 15 अक्टूबर को सुबह चार बजकर 13 मिनट पर ऑनलाइन भुगतान किया गया।
महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनगर जिले के वैजापुर क्षेत्र में रात करीब साढ़े 12 बजे यह मिनीबस ट्रक से टकरा गयी थी।
अधिकारियों के अनुसार दुर्घटना की शिकार हुई इस बस (एमएच 04 जीपी 2212) में 35 लोग सवार थे, जबकि उसकी क्षमता 18 यात्रियों की थी। हादसे के वक्त उसका कोई वैध परमिट भी नहीं था।
इस मिनीबस का 14 अक्टूबर, 2016 को नासिक आरटीओ में पंजीकरण कराया गया था।
एक अधिकारी ने कहा, ‘‘पांच महीने से अधिक समय के दौरान आरटीओ ने इस मिनीबस को कोई परमिट जारी नहीं किया। पिछला परमिट 20 अप्रैल, 2023 को जारी किया गया ‘विशेष परमिट’ था जो 20 अप्रैल से 24 अप्रैल तक के लिए तथा नासिक-गुरूदेश्वर यात्रा के लिए वैध था।’’
नासिक के आरटीओ अधिकारी प्रदीप शिंदे ने ‘पीटीआई-भाषा’ से बातचीत में इस बात की पुष्टि की कि इस मिनीबस का एमवी कर हादसे के कुछ घंटों के अंदर जमा किया गया।
उन्होंने कहा कि हादसे के वक्त मिनीबस बिना वैध परमिट के चल रही थी।
प्रथम दृष्टया तेज रफ्तार से नासिक जा रही यह मिनीबस रविवार को रात करीब साढ़े 12 बजे वैजापुर में एक खड़े कंटेनर ट्रक से टकरा गयी जिससे 12 यात्रियों की मौत हो गयी जबकि 23 अन्य घायल हो गये।
इस ट्रक को एक्सप्रेसवे पर आरटीओ की एक टीम ने कथित रूप से पकड़ा था। पुलिस ने ट्रक चालक बृजेश कुमार चंदेल, दो आरटीओ अधिकारियों प्रदीप राठौड़ और नितिन कुमार गोनारकर के खिलाफ मामला दर्ज किया था।