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Israel को मिटाने मुसलमान घरों से निकलेंगे? मस्जिद में लगे इस काले झंडे का क्या मतलब है

इजरायल और हमास के बीच की जंग के बीच एक झंडे की चर्चा बहुत हो रही है। काले रंग का ये झंडा ईरान की मस्जिद में लगाया गया है। काले रंग के इस झंडा का इस्लामिक दुनिया में बेहद खास महत्व है। ये एक ऐसा मैसेज है जिसे सिर्फ एक मुसलमान समझ सकता है। दावा किया जा रहा है कि ईरान इसके जरिए दुनियाभर को संदेश दे रहा है।

ईरान की रज़ा मस्जिद 

एक ऐतिहासिक और अभूतपूर्व कदम में ईरान में इमाम रज़ा मस्जिद परिसर के रोशन रज़ावी गुंबद के ऊपर एक काला झंडा फहराया गया है। यह परंपरा से बिल्कुल अलग है क्योंकि इस्लामिक कैलेंडर में शोक के महीने मुहर्रम से इतर इस तरह की कवायद देखने को मिली है। ईरान के मशहद में इमाम रज़ा मस्जिद परिसर, इमाम रज़ा के मकबरे का घर जिसे अली अल-रिदा के नाम से भी जाना जाता है। ये  एक प्रतिष्ठित धार्मिक परिसर और क्षेत्रफल के हिसाब से दुनिया की सबसे बड़ी मस्जिद है। यह बारहवें शिया मुसलमानों के लिए अत्यधिक महत्व रखता है और धार्मिक तीर्थयात्रा का केंद्र बिंदु है। इस भव्य परिसर का प्रबंधन अस्तान कुद्स रज़ावी फाउंडेशन द्वारा किया जाता है। अस्तान कुद्स रज़ावी के संरक्षक द्वारा आदेश दिया गया ध्वज परिवर्तन, बहुमुखी महत्व वाला एक प्रतीकात्मक संकेत है।

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काला झंडा क्या दुनिया के मुसलमानों को संदेश? 

काला झंडा इस्लामी इतिहास और परंपरा में एक अलग स्थान रखता है। सोशल मीडिया पर गलत तरीके से प्रस्तुत किए गए दावों के विपरीत, यह हथियारों या संघर्ष के आह्वान का प्रतिनिधित्व नहीं करता है। काले रंग की ओर यह बदलाव दु:ख, शोक और एकजुटता की गंभीर अभिव्यक्ति को दर्शाता है। सोशल मीडिया पर दावा किया गया कि इसके जरिए ईरान जिहाद के बुलावे का मैसेज दे रहा है। ऐसा बुलावा जिसे मना नहीं किया जा सकता है। कयास लगाया जा रहा है कि खुरासान के बहाने ईरान दुनियाभर के मुसलमानों को एकजुट करने की मंशा पाले हुए है। 

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मुसलमानों को कोई नहीं रोक पाएगा

इससे पहले ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने कहा था कि अगर गाजा में इजरायल के अपराध जारी रहे तो दुनिया भर के मुसलमानों और प्रतिरोध बलों को कोई नहीं रोक पाएगा। खामेनेई ने कहा कि अगर फिलिस्तीनियों के खिलाफ ज़ायोनी शासन के अपराध जारी रहे तो कोई भी मुसलमानों और प्रतिरोध बलों का सामना नहीं कर सकता। गाजा पर बमबारी तुरंत बंद होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि ज़ायोनी शासन के अधिकारियों पर गाजा में फिलिस्तीनियों के खिलाफ उनके अपराधों के लिए मुकदमा चलाया जाना चाहिए। 

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