लखनऊ। उत्तर प्रदेश के साथ ही देश की आस्था और आध्यात्मिक अभिरुचि का केंद्र रही अयोध्या नगरी अब श्रीराम मंदिर के निर्माण के साथ ही वैश्विक पटल पर व्यापक उपस्थिति दर्ज कराने को तैयार है। पीएम नरेंद्र मोदी के विजन और सीएम योगी आदित्यनाथ द्वारा इस विजन के क्रियान्वयन ने अयोध्या के कायाकल्प का मार्ग प्रशस्त कर दिया है। श्रीराम मंदिर का निर्माण पूर्ण होने पर न केवल देश बल्कि दुनिया के विभिन्न कोनों से श्रद्धालुओं व पर्यटकों का आवागमन अयोध्या में वृहद स्तर पर बढ़ेगा। इस बात को ध्यान में रखकर योगी सरकार अयोध्या में 130 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत से 4.40 एकड़ क्षेत्र में टूरिज्म फैसिलिटेशन सेंटर विकसित करने की कार्ययोजना पर कार्य कर रही है। सीएम योगी की मंशा के अनुरूप, उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग अयोध्या में नेशनल हाइवे 330 व नेशनल हाइवे 27 से कनेक्टिविटी को ध्यान में रखकर पूर्व निर्धारित जगह पर इस टूरिज्म सेंटर का विकास करने जा रही है। परियोजना के अंतर्गत टूरिस्ट सेंटर में टूरिज्म ऑफिस, यात्री निवास, आर्ट एंड क्राफ्ट सेंटर, फूड कोर्ट व शॉपिंग मार्ट समेत तमाम कमर्शियल सेंटर्स के साथ ही पार्किंग स्पेस समेत तमाम सहूलियतों का विकास किया जाएगा। माना जा रहा है कि अगले एक से डेढ़ महीने के भीतर परियोजना धरातल पर उतर आएगी और कार्यों को मूर्त रूप देने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।
पीपीपी के जरिए डीबीएफओटी मॉडल पर होगा विकास
उल्लेखनीय है कि इस परियोजना को तेजी के साथ पूरा करने पर योगी सरकार का फोकस है और इसी क्रम में पर्यटन विभाग द्वारा पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) के जरिए डिजाइन बिल्ड फाइनेंस ऑपरेट ट्रांसफर (डीबीएफओटी) मॉडल पर पूर्ण किया जाएगा। इस विस्तृत कार्ययोजना में उन स्थलों का भी जिक्र किया गया है जो कि वर्तमान में अयोध्या में अवस्थित हैं और प्रोजेक्ट के दौरान इनको हटाने व रीटेन करने को लेकर स्थिति भी साफ की गई है। उल्लेखनीय है कि इस विषय में उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग द्वारा पहले ही ई टेंडर पोर्टल के जरिए बिडिंग के आवेदन मांगे गए थे। इनमें से चार आवेदक कंपनियों का चयन कर भी लिया गया है। आगे की प्रक्रिया में इन कंपनियों को फाइनेंशियल बिडिंग का मौका दिया जाएगा और इसमें चयनित होने वाली कंपनी को फिर लेटर ऑफ इंटेंट (एलओआई) व कंसेशन एग्रीमेंट उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा उपलब्ध करा दिया जाएगा।
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अयोध्या मास्टर प्लान 2031 के अंतर्गत होगा विकास
अयोध्या के समेकित विकास के लिए मास्टर प्लान 2031 के तहत इन कार्यों पूर्ण किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि इस टूरिज्म फैसिलिटेशन सेंटर में कई प्रकार की सहूलियतों का विकास किया जाएगा। इनमें यात्री निवास (डॉर्मेट्रीज, बैंक्वेट व एमआईसीई फैसिलिटीज से युक्त), टूरिस्ट सेंटर (जो टूरिज्म एक्टिविटीज के हब के तौर पर कार्य करेगा) व टूरिज्म ऑफिस, कमर्शियल एरिया (आर्ट एंड क्राफ्ट गैलरी, शॉपिंग एरिया व कॉम्पलेक्स, फूड कोर्ट, कैफेटेरिया व रेस्तरां आदि), एंपीथिएटर व सुविधाओं युक्त लैंडस्केप ग्रीन पब्लिक स्पेसेस, उपयुक्त पार्किंग स्पेस व सर्विसेस (वॉटर, पावर व डीजी बैकअप) शामिल है। स्ट्रीटलाइट्स, ड्रेनेज, सिक्योरिटी, सर्विलांस फैसिलिटीज जैसे कि फायरफाइटिंग, सीसीटीवी व एचवीएसी प्रमुख हैं) का विकास प्रमुख है। उल्लेखनीय है कि अयोध्या मास्टर प्लान 2031 के तहत निर्धारित प्लॉट लेआउट, इंटरनल रोड लेआउट यूटिलिटीज व हरित क्षेत्रों के संवर्धन को ध्यान में रखकर डेवलपर्स को पर्यटन विभाग से बिजनेस प्लान को पास कराना होगा और इसी तर्ज पर परियोजना के अंतर्गत निर्माण कार्यों को मूर्त रूप दिया जाएगा।
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अयोध्या टूरिज्म फैसिलिटेशन सेंटर का कुछ ऐसा होगा स्वरूप
अयोध्या टूरिज्म फैसिलिटेशन सेंटर में कुल मिलाकर 3273 स्क्वेयर मीटर का बिल्ड अप एरिया होगा। इसमें शेल्टर होम, शिल्प ग्राम, टॉयलेट्स व एचएटी स्ट्रक्चर्स शामिल हैं। चौक अयोध्या रोड से आने वाली सड़क इस साइट के लिए मुख्य मार्ग के तौर पर कार्य करेगी। इस क्षेत्र में परियोजना को पूर्ण करने के लिए कुछ मौजूदा इंफ्रास्ट्रक्चर्स को हटाना या फिर री-स्ट्रक्चर करने की भी जरूरत पड़ेगी। इसमें से रैन बसेरा व शिल्पग्राम को परियोजना के अंतर्गत क्षेत्र विस्तारीकरण के लिए हटाया जा सकता है, हालांकि इस पर अभी फैसला नहीं हुआ है और फैसला होने की सूरत में लेटर ऑफ इंटेंट जारी करते वक्त इस बात को उल्लेखित भी किया जाएगा। वहीं, रामकथा पार्क (जिसमें एंपीथिएटर युक्त स्टेज होगा), क्विन हो मेमोरियल पार्क के चिह्नित क्षेत्र को रीटेन किया जाएगा। इसके अतिरिक्त, टूरिज्म फैसिलिटेशन सेंटर से कल्चरल म्यूजियम के मध्य कैनाल एक्सटेंशन पर भी कार्य हो सकता है।