सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया कि फाइनेंशियल टाइम्स के दो पत्रकारों के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाए, जिन्हें गुजरात पुलिस ने अडानी समूह की कंपनियों के संबंध में अखबार में प्रकाशित एक लेख के संबंध में प्रारंभिक जांच के लिए बुलाया था। दो संवाददाताओं बेंजामिन निकोलस ब्रुक पार्किन और क्लो नीना कोर्निश की याचिका पर नोटिस जारी करते हुए न्यायमूर्ति बी आर गवई और पी के मिश्रा की पीठ ने इसे 1 दिसंबर को सुनवाई के लिए तय किया और निर्देश दिया कि तब तक कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी। पीठ ने याचिकाकर्ताओं द्वारा उच्च न्यायालय जाने के बजाय सीधे उससे संपर्क करने पर अपनी नाराजगी व्यक्त की।
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न्यायमूर्ति गवई नेकहा कि यह चलन अब बहुत कठिन होता जा रहा है, हर कोई सीधे सुप्रीम कोर्ट का रुख कर रहा है। पत्रकारों की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ अग्रवाल ने कहा कि वे लेख के लेखक नहीं थे बल्कि नई दिल्ली और मुंबई में तैनात संवाददाता थे। उन्होंने यह भी बताया कि 3 नवंबर को, इसने दो अन्य लोगों को बलपूर्वक कार्रवाई से सुरक्षा प्रदान की थी, जिन्होंने अदानी समूह पर हिंडनबर्ग रिपोर्ट पर एक और लेख लिखा था। वकील ने बताया कि जांच अडानी समूह के एक निवेशक की शिकायत पर की जा रही थी और कहा कि यह अधिक से अधिक मानहानि की शिकायत हो सकती है जो गैर-संज्ञेय है।