केरल पुलिस ने एक महिला पत्रकार द्वारा दुर्व्यवहार का आरोप लगाने वाली शिकायत के संबंध में बुधवार को अभिनेता से नेता बने सुरेश गोपी से पूछताछ की।
गोपी सुबह करीब पौने बारह बजे नादक्कवु पुलिस थाने पहुंचे और करीब तीन घंटे बाद दोपहर करीब दो बजकर 25 मिनट पर वहां से चले गए।
गोपी जैसे ही थाने से बाहर निकले, उन्होंने अपनी कार की खुली छत से वहां एकत्र भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के समर्थकों और अपने प्रशंसकों को संबोधित किया और उन्हें वहां से चले जाने के लिए कहा ताकि पुलिस के लिए कोई समस्या न खड़ी हो।
गोपी ने प्यार और समर्थन के लिए प्रशंसकों और भाजपा के वरिष्ठ नेताओं का आभार प्रकट किया।
नादक्कवु पुलिस थाने के एक अधिकारी ने कहा कि अभिनेता की गिरफ्तारी दर्ज नहीं की गई थी, उन्हें दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 41ए के तहत नोटिस जारी किया गया था।
उन्होंने कहा कि जिन अपराधों में सजा सात साल से कम है, उसमें सीआरपीसी की धारा 41ए के तहत नोटिस जारी करके आरोपी को गिरफ्तार किए बिना जाने की अनुमति दी जा सकती है।
अधिकारी ने यह भी कहा कि गोपी के बयान की रिकॉर्डिंग पूरी हो चुकी है और फिलहाल उन्हें दोबारा पेश होने के लिए नहीं कहा गया है।
महिला पत्रकार की शिकायत और उसके आधार पर मामला दर्ज करने के बाद पुलिस ने अभिनेता को नादक्कावु पुलिस थाने में जांच अधिकारी के सामने पेश होने को कहा था।
महिला ने घटना के एक वीडियो के साथ शहर के पुलिस आयुक्त के पास शिकायत दर्ज करवाई थी, जिसके बाद आगे की कार्रवाई के लिए इसे स्थानीय पुलिस थाने को सौंप दिया गया था।
पुलिस द्वारा गोपी से पूछताछ और उनका बयान दर्ज किए जाने के समय थाने के बाहर भाजपा कार्यकर्ताओं और उनके प्रशंसकों की भारी भीड़ जमा हो गई थी।
थाने के बाहर सुबह लगभग नौ बजे से ही महिलाओं समेतभारी तादाद में उनके प्रशंसक एकत्र हो गए थे। उनका मानना था कि गोपी ने कोई गलत काम नहीं किया है।
वहां मौजूद लोगों ने कहा, हम किसी को भी उन्हें नुकसान नहीं पहुंचाने देंगे। उन्होंने अनगिनत लोगों की मदद की है। वह एक अच्छे इंसान हैं। उनके खिलाफ लगाए गए आरोप झूठे हैं।
उन सभी ने कहा कि उनके थाने से बाहर आने तक वे कहीं नहीं जाएंगे।
इससे पहले दिन में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष के. सुरेंद्रन सहित केरल भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने पुलिस की कार्रवाई को राजनीति से प्रेरित बताया और इसके विरोध में थाने तक मार्च निकाला।
इस दौरान महिला कार्यकर्ताओं सहित सैंकड़ों पार्टी कार्यकर्ता गोपी के समर्थन में हाथों में तख्तियां लिए मार्च में शामिल हुए।
सुरेंद्रन ने पत्रकारों के साथ बातचीत में आरोप लगाया कि गोपी को उस वक्त निशाना बनाया गया जब उन्होंने राज्य में सत्तारूढ़ मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के कथित अन्याय और अवैध गतिविधियों के खिलाफ आवाज उठाना शुरू किया।
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष ने आरोप लगाया कि अभिनेता का राजनीतिक शिकार करोड़ों रुपये के करुवन्नूर सहकारी बैंक घोटाले में हस्तक्षेप करने के बाद शुरू हुआ।
उन्होंने तर्क दिया, यह सरकार और पिनराई विजयन का एजेंडा है। अगर कार्रवाई वापस नहीं ली गई तो राज्य भर में विरोध प्रदर्शन किए जाएंगे।
नादक्कवु पुलिस थाने के बाहर भाजपा समर्थकों और अभिनेता के प्रशंसकों की भारी भीड़ को देखते हुए किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए बड़ी संख्या में पुलिस तैनात की गई थी।
नादक्कवु पुलिस ने एक स्थानीय टेलीविजन चैनल में काम करने वाली एक पत्रकार की शिकायत के आधार पर पिछले महीने के अंत में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 354 (एक महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाना) के तहत मामला दर्ज किया था।