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बाइडन और शी के बीच हुई बैठक, दोनों पक्ष सुनिश्चित करेंगे कि संबंध बिगड़ें नहीं

अमेरिका और चीन के बीच एक अहमबैठक यहां संपन्न हुई जिसमें अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन तथा चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने यह सुनिश्चित करने पर सहमति जताई कि दोनों देशों के बीच मतभेद दूर किये जा सकें और संबंध बेपटरी नहीं हों।
दोनों नेताओं ने एक वर्ष के अंतराल में पहली बार व्यक्तिगत तौर पर मुलाकात की जो चार घंटे से अधिक समय तक चली। यह बैठक सैन फ्रांसिस्को से लगभग 40 किलोमीटर दूर दक्षिण में वुडसाइड के फिलोली मैन्शन में हुई। यह बातचीत द्विपक्षीय बैठक के रूप में, दोपहर भोज के दौरान तथा मैन्शन के बाग में टहलते हुए, कई तरीके से हुई।
अपने-अपने प्रतिनिधिमंडलों के साथ एक लंबी मेज पर आमने-सामने बैठे दोनों नेताओं ने इस बात पर जोर दिया कि टकराव से बचना और सहयोग पर ध्यान केंद्रित करना दोनों देशों के हित में है।

एक अधिकारी ने बताया कि बातचीत काफी स्पष्ट और सहज थी। उन्होंने कहा कि बाइडन ने शी के समक्ष अपने विचार और चिंताएं स्पष्ट तौर पर रखीं और माना जाता है कि शी ने भी अपने तर्कों के साथ अपनी बात रखी।
बैठक के दौरान दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों, ईरान, पश्चिम एशिया, यूक्रेन, ताइवान, हिंद-प्रशांत, आर्थिक मुद्दों, कृत्रिम मेधा, मादक पदार्थ और जलवायु परिवर्तन जैसे क्षेत्रीय तथा प्रमुख वैश्विक मुद्दों पर चर्चा की।
एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी के अनुसार, बैठक के बाद चीन अमेरिका में अवैध दवा व्यापार में शामिल कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई करने पर राजी हुआ।
उन्होंने कहा कि दोनों नेता सैन्य स्तर की वार्ता फिर से शुरू करने पर भी सहमत हुए जिसकी अगुवाई रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन और उनके चीनी समकक्ष करेंगे जबकि प्रशांत कमांडर चीन में अपने समकक्षों के साथ परिचालन स्तर पर सहयोग करेंगे।

बाइडन और शी के बीच बैठक समाप्त होने के बाद अधिकारी ने नाम गोपनीय रखने की शर्त पर कहा कि आखिरकार दोनों देश कृत्रिम मेधा के मुद्दे पर सहयोग करने पर सहमत हुए।
अधिकारी के मुताबिक, शी ने स्पष्ट किया कि वह अमेरिका के साथ संबंध सामान्य करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि इस पर बाइडन ने शी से स्पष्ट तौर पर कहा कि चीन ने अमेरिकी कंपनियों को समान अवसर नहीं दिए हैं।
अधिकारी ने बताया कि शी ने अपने पक्ष की चिंताएं भी व्यक्त कीं और कहा कि अमेरिका में चीन की कम्युनिस्ट पार्टी पर रिपोर्टिंग निष्पक्ष नहीं है, साथ ही उन्होंने इन खबरों का दृढ़ता से खंडन भी किया कि चीन ताइवान पर आक्रमण करने वाला था।
बाइडन और शी ने पश्चिम एशिया और यूक्रेन की स्थिति पर भी बातचीत की।
वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि बाइडन ने शी की पत्नी के जन्मदिन के लिए शुभकामनाएं भी दीं। शी की पत्नी का जन्मदिन अगले सप्ताह है।

चीनी राष्ट्रपति ने उन्हें यह याद दिलाने के लिए अपने अमेरिकी समकक्ष का आभार व्यक्त किया। शी ने कहा कि व्यस्तता के कारण वह इस बारे में भूल गए थे।
बाइडन के नेतृत्व वाले अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल में लगभग 10-11 वरिष्ठ अधिकारी थे और चीनी प्रतिनिधिमंडल का स्वरूप भी इसी प्रकार का था। प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, बाइडन और शी के बीच बैठक को जी2 नहीं कहा जा सकता क्योंकि यह ‘‘रणनीतिक मापांकन’’ यानी ‘‘स्ट्रैटेजिक कैलिबरेशन’’ था।
इससे पहले शी ने ‘एपेक लीडरशिप समिट’ में शिरकत की। उन्होंने कहा कि पृथ्वी इतनी बड़ी है कि इसमें दो देश सफलता हासिल कर सकते हैं और एक देश की सफलता दूसरे देश के लिए अवसर है।
चीनी राष्ट्रपति ने कहा,‘‘ एक पक्ष के लिए दूसरे पक्ष को बदलना अस्वाभाविक है। संघर्ष और टकराव के दोनों पक्षों के लिए घातक परिणाम होते हैं…।’’

बाइडन ने द्विपक्षीय बैठक की शुरुआत में अपने स्वागत संबोधन में कहा, ‘‘हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि प्रतिस्पर्धा संघर्ष में तब्दील नहीं हो और हमें इसे जिम्मेदाराना तरीके से दूर करना होगा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘अमेरिका यही चाहता है और हम यही करना चाहते हैं। अपने लोगों और दुनिया के प्रति हमारी भी जिम्मेदारी है। जलवायु परिवर्तन से लेकर मादक पदार्थों और कृत्रिम मेधा तक हमारे सामने मौजूद गंभीर वैश्विक चुनौतियां हमारे संयुक्त प्रयासों से दूर होंगी।’’
अमेरिकी राष्ट्रपति ने शी का स्वागत करते हुए कहा कि जी20 से इतर बाली में पिछली बैठक के बाद से दोनों सरकारों के प्रमुख सदस्यों ने उन महत्वपूर्ण मुद्दों पर गहन चर्चा की है जो दोनों देशों और दुनिया के लिए अहम हैं।

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