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आईसीसी विश्व कप 2023 का भारत के लिए अंत बेहद दुखद और दिल तोड़ने वाला रहा है। भारतीय टीम अपनी ही सरजमीं पर खिताब नहीं जीत सकी और ऑस्ट्रेलिया के बेहतरीन खेल के सामने हार का सामना करना पड़ा। टूर्नामेंट का फाइनल मुकाबला रविवार 20 नवंबर को अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में खेला गया। ये मुकाबला भारतीय टीम के लिए काफी चुनौती भरा रहा, मगर टीम इस चुनौती को पार नहीं कर सकी।
इस मैच में भारतीय टीम के कप्तान रोहित शर्मा की कप्तानी में भारतीय टीम ने छह विकेट से मैच गंवाया। मैच में टॉस हारने के बाद भारतीय टीम पहले बल्लेबाजी करने उतरी और सिर्फ 240 रन ही बना सकी। शुरुआत में लगा की ऑस्ट्रेलिया को ये छोटा टारगेट चेज करने में परेशानी हो सकती है मगर ऐसा नहीं हुआ बल्कि भारतीय गेंदबाजों को विकेट चटकाने में पसीने आ गए।
शमी-बुमराह का कंगारुओं पर दबाव
इस मैच में कंगारू टीम जैसे ही मैच में टारगेट चेज करने उतरी तो भारतीय गेंदबाज जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद शमी ने मिलकर विकेट चटकाने शुरू किए। पहला शिकार शमी ने डेविड वॉर्नर को बनाया, और फिर बुमराह ने मिचेल मार्श और स्टीव स्मिथ को भी पवेलियन लौटाया। ऑस्ट्रेलिया को तीसरा झटका 47 रन पर लगा, जिसके बाद फैंस को उम्मीद जगी की भारत के कब्जे में विश्व कप आ सकता है।
इसके बाद कप्तान रोहित शर्मा ने ऐसी गलती की जिसका खामियाजा टीम को विश्व कप गंवाकर चुकाना पड़ा है। ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज ट्रेविस हेड और मार्नस लाबुशेन ने ऐसा खेल दिखाया कि उनपर रन चेज का कोई दवाब नहीं रहा और विश्व कप भारत के हाथ में आते आते रह गया।
बता दें कि कप्तान रोहित शर्मा ने मोहम्मद शमी और जसप्रीत बुमराह से 10 ओवर तक गेंदबाजी कराई है। दोनों स्पिनर रवींद्र जडेजा और कुलदीप यादव से गेंदबाजी करवाई गई। खिलाड़ियों ने 16 ओवर में तीन विकेट के नुकसान पर 87 रन बना लिए थे। इस दौरान कंगारुओं की टीम के खिलाड़ियों ने इतना शानदार प्रदर्शन किया और दवाब अपने ऊपर आने नहीं दिया।
स्पिनर्स नहीं कर सके कमाल
कप्तान रोहित शर्मा ने 17वें ओवर में तेज गेंदबाज मोहम्मद सिराज को गेंदबाजी दी मगर टीम जब टीम से दबाव हटा तो तीन ओवर में 16 रन देकर भी वो विकेट चटका नहीं सके। रोहित शर्मा ने सिराज को तीन ओवर की गेंदबाजी सौंपने के बाद फिर से हटाया। सिराज की जगह गेंदबाजी करने के लिए स्पिनर्स को लगाया और उस कारण टीम को मैच का नुकसान उठाना पड़ा। इस मैच में कुलदीप यादव ने छह ओवर में 30 रन दिए और रविंद्र जडेजा ने चार ओवर में 16 रन दिए। मगर दोनों ही खिलाड़ियों को विकेट नहीं मिला। दरअसल जब रोहित ने शुरुआती 10 ओवर में शमी और बुमराह को हटाया तो सिराज को ही गेंदबाजी देनी चाहिए थी। जडेजा और कुलदीप को लगाकर दवाब बढ़ाने पर जोर देना चाहिए था। ऐसी स्थिति होती तो टीम कंगारुओं पर दवाब बनाने में सफल होती मगर ऐसा नहीं हो सका।
पिच को लेकर भी हुई गलतफहमी
भारतीय टीम ने इस फाइनल मैच में कई गलतियां भी की जिसमें खराब फील्डिंग भी प्रमुख है। फाइनल मैच में टीम के खिलाड़ियों ने बेहद खराब फील्डिंग की, जिससे मैच पर टीम की पकड़ काफी कमजोर हुई। फाइनल मैच का खिलाड़ी दवाब नहीं झेल सके। इसके साथ ही घरेलू मैदान पर 1.30 लाख लोगों की मौजूदगी में खेलने का दबाव भी खिलाड़ियों पर दिखा, जिस कारण टीम के हाथ से मैच निकल गया। इसके अलावा टीम मैनेजमेंट और खिलाड़ी पिच को भी भांप नहीं सके।
जानकारी के मुताबिक फाइनल मैच में नरेंद्र मोदी स्टेडियम की पिच थोड़ी धीमी और सूखी थी। इस पिच को जांच कर ही ऑस्ट्रेलिया ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी का फैसला किया। रोहित ने भी कहा था कि वो भी टॉस जीतकर गेंदबाजी का फैसला ही करते। ऑस्ट्रेलिया के गेंदबाजों ने भारतीय बल्लेबाजों को जमकर परेशान किया।