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एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार को विधानसभा में बहुमत का समर्थन प्राप्त है: नार्वेकर

महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने सोमवार को कहा कि एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार स्थिर है और राज्य विधानमंडल के निचले सदन में उसे बहुमत का समर्थन प्राप्त है।
नार्वेकर ने यह भी कहा कि वह शिवसेना के प्रतिद्वंद्वी गुटों की ओर से दायर अयोग्यता याचिकाओं पर उच्चतम न्यायालय द्वारा निर्धारत समय सीमा के भीतर निर्णय लेंगे।
यहां से लगभग 500 किमी दूर सिंधुदुर्ग जिले में मीडियाकर्मियों से बातचीत में उन्होंने शिवसेना-भारतीय जनता पार्टी-राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (अजित पवार गुट) सरकार की स्थिरता पर सवाल उठाने वाले बयान देने के लिए शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत की आलोचना करते हुए कहा कि सरकार के पास सत्ता का जादुई आंकड़ा मौजूद है।

सत्तारूढ़ गठबंधन सरकार के अस्थिर होने के राउत के दावे के बारे में पत्रकारों द्वारा पूछे जाने पर नार्वेकर ने कहा, कोई सरकार तभी गिरती है जब वह विधानसभा में आंकड़ों के खेल में विफल हो जाती है, न कि सार्वजनिक रूप से की गई टिप्पणियों के कारण। राज्य सरकार के पास जादुई आंकड़ा (145 से अधिक विधायकों का समर्थन) मौजूद है। लोगों को ऐसी टिप्पणियां नहीं करनी चाहिए।
महाराष्ट्र विधानसभा में सदस्यों की संख्या 288 है और सरकार बनाने के लिए किसी भी पार्टी या गठबंधन को कम से कम 145 विधायकों के समर्थन की आवश्यकता होती है।
उनके समक्ष लंबित अयोग्यता याचिकाओं के फैसले पर सवालों का जवाब देते हुए अध्यक्ष ने कहा, मैं सुनवाई पूरी करने और शीर्ष अदालत द्वारा निर्धारित समय सीमा के भीतर निर्णय करने की योजना बना रहा हूं।

मैं इस बात का ध्यान रख रहा हूं कि न्याय के प्राकृतिक सिद्धांतों को प्रभावित न किया जाए। मैं (शिवसेना) विधायकों की अयोग्यता पर उचित समय पर फैसला करूंगा।
न्यायालय ने विधानसभा अध्यक्ष को निर्देश दिया है कि वह 31 दिसंबर या उससे पहले एक-दूसरे के विधायकों को अयोग्य ठहराने की मांग करने वाली शिवसेना के प्रतिद्वंद्वी गुटों की याचिकाओं पर फैसला करें।
नार्वेकर ने दलबदल-निरोधक कानूनों के उल्लंघन पर अपनी टिप्पणियों को लेकर शिवसेना (यूबीटी) नेता एवं पूर्व राज्य मंत्री आदित्य ठाकरे पर पलटवार किया।
उन्होंने कहा, ‘‘विधानसभा अध्यक्ष तय करेगा कि दलबदल विरोधी कानूनों का कोई उल्लंघन हुआ है या नहीं। ठाकरे को इस बारे में कोई टिप्पणी नहीं करनी चाहिए। यदि उल्लंघन हुआ है, तो मैं उचित निर्णय लूंगा। मैं लोगों को आश्वस्त कर सकता हूं कि मैं कोई गलत फैसला नहीं लूंगा।

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