Breaking News
-
Please LIKE and FOLLOW बलिया LIVE on FACEBOOK page https://www.facebook.com/BalliaLIVE रसड़ा,बलिया। रसड़ा कोतवाली क्षेत्र के…
-
संयुक्त राज्य अमेरिका में 5 नवंबर को होने वाले 2024 के राष्ट्रपति चुनावों के लिए…
-
हरियाणा में 5 अक्टूबर को मतदान होगा। इसके नतीजे 8 अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे।…
-
इज़राइल रक्षा बलों (आईडीएफ) ने कहा कि उसने गुरुवार को बेरूत में एक सटीक, खुफिया-आधारित…
-
नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने दिल्ली की ‘आम आदमी पार्टी’…
-
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज दिल्ली में कौटिल्य आर्थिक सम्मेलन को संबोधित किया। इस दौरान…
-
बेंगलुरु के तीन इंजीनियरिंग कॉलेजों को ईमेल के जरिए बम की धमकी मिली, जिससे परिसर…
-
आज दिनांक 04 अक्टूबर 2024 को यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण के सेक्टर 32 में…
-
हरियाणा में कुल 90 विधानसभा सीटे हैं। इन सभी सीटों पर एक चरण में 5…
-
भारतीय एयर चीफ मार्शल अमर प्रीत सिंह ने 2019 में भारत के बालाकोट हवाई हमले…
उत्तराखंड में सिल्क्यारा सुरंग में मलबे के अंदर 60 मीटर की ड्रिलिंग का काम पूरा हो चुका है। रेस्क्यू ऑपरेशन में एक बड़ी सफलता हासिल हुई है। उत्तराखंड के अधिकारी का कहना है कि ध्वस्त सिल्कयारा सुरंग के माध्यम से ड्रिलिंग पूरी हो गई है। रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटे बचाव कर्मियों की लगातार मेहनत के बाद 41 मजदूर अब किसी भी समय टनल से बाहर आ सकते है। उत्तराखंड सरकार के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि ड्रिलिंग पूरी हो गई है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सिल्कयारा सुरंग बचाव स्थल पर पहुंच चुके है।
संवाददाताओं के सवाल पर राष्ट्रीय राजमार्ग एवं अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड (एनएचआईडीसीएल) के प्रबंध निदेशक महमूद अहमद ने तत्काल इस बारे में कोई पुष्टि नहीं की, लेकिन कहा कि बचाव पाइप के अंतिम हिस्से को ड्रिल किए गए रास्ते से डाला जा रहा है। सुरंग का एक हिस्सा 12 नवंबर को ढह गया था जिससे 41 मजदूर इसके अंदर फंस गए थे। बीते 16 दिनों से मजदूर लगातार सुरंग के अंदर फंसे हुए हैं जिन्हें सकुशल बाहर निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है।
सुरंग में गए डॉक्टर
टनल में खुदाई का काम पूरा होने के बाद एनडीआरएफ की टीम और डॉक्टरों की टीम सुरंग के अंदर गई है। बचाव दल के डॉक्टर, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ सुरंग में जाने लगे हैं। रेस्क्यू ऑपरेशन के अधिकारी नीरज खैरवाल ने कहा कि मजदूरों की सेहत जांचने के लिए डॉक्टरों की टीम तैयार है। सभी मजदूरों को टनल से बाहर निकालने में कुल दो से तीन घंटे का समय लगेगा।
एम्बुलेंस हुई तैयार
रेस्क्यू ऑपरेशन के अंतिम चरण में पहुंचने के बाद अब सुरंग के अंदर ही एम्बुलेंस भेजी गई है। टनल के बाहर लगभग नौ से 10 एंबुलेंस मौजूद हैं जिन्हें स्टैंडबाय पर रखा गया है। अस्पताल तक 35 किमी सड़क को जीरो जोन बनाया गया। किसी भी अन्य गतिविधि की अनुमति नहीं है।