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Uttarakhand Tunnel Rescue: ऑपरेशन हीरो हैं Rat Hole Miner मुन्ना कुरैशी, जिन्होंने दिलाई मजदूरों को नई जिंदगी, जानें उनके बारे में

उत्तराखंड में निर्माणाधीन सुरंग में 16 दिन फंसे रहने के बाद सभी 41 श्रमिक बाहर निकल चुके है। केंद्रीय और राज्य सरकार की विभिन्न एजेंसियों द्वारा लगातार युद्धस्तर पर चलाए गए बचाव अभियान के 17 वें दिन मंगलवार की शाम को सुरंग में फंसे सभी 41 श्रमिक सकुशल बाहर निकाल लिए गए। 
 
बचाव कर्मियों की कड़ी मेहनत के बाद टनल में फंसे श्रमिक बाहर आ सके। इस दौरान श्रमिकों ने भी धैर्य दिखाया, जिसकी हर ओर प्रशंसा हो रही है। इस अभियान के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अभियान से जुड़े सभी लोगों के जज्बे को सलाम किया और कहा कि मिशन में शामिल सभी लोगों ने मानवता और टीम वर्क का अद्भुत उदाहरण पेश किया। इस रेस्क्यू ऑपरेशन को सफल बनाने के लिए सभी सरकारी एजेंसियों ने 24X7 तक लगातार बिना रुके काम किया। इस मिशन को सफल बनाने के लिए रैट माइनर्स ने भी अंतिम समय तक काम किया है। इस ऑपरेशन में श्रमिकों तक सबसे पहले रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटे मुन्ना कुरैशी पहुंचे थे, जिन्होंने ऑपरेशन को भी लीड किया था।
 
जानें कौन हैं मुन्ना कुरैशी जिन्होंने सबसे पहले की 41 श्रमिकों से मुलाकात
मुन्ना कुरैशी ही वो शख्स है जो रैट माइनिंग करते हुए सबसे पहले सफलता के साथ 41 श्रमिकों के पास पहुंचे थे। उन्होंने सबसे पहले जाकर सभी मजदूरों का हाल जाना था। 29 वर्षीय मुन्ना कुरैशी रैट माइनर हैं जो दिल्ली की कंपनी में काम करते है। ये कंपनी एक ट्रेंचलेस इंजीनियरिंग सर्विस कंपनी है जो सीवर और पानी की लाइनें साफ करती है। मुन्ना भी उन रैट होल माइनर्स में शामिल थे जिन्होंने अंतिम 12 मीटर में मलबा हटाने के लिए टीम में शामिल किया गया था।
 
अमेरिका निर्मित बरमा मशीन के खराब हो जाने के बाद सुरंग से निकाले जाने के बाद रैट होल माइनर्स बचाव अभियान का अंतिम सहारा थे। रैट होल माइनर्स छोटे-छोटे गड्ढे खोदकर कोयला निकालने की एक विधि है। हालांकि ये विधि अवैज्ञानिक होती है, इसलिए इसे वर्ष 2014 में कोयला निकालने की विधि के रूप में प्रतिबंधित कर दिया गया था। मुन्ना कुरैशी ने कहा कि उन्होंने मंगलवार शाम को आखिरी चट्टान हटाई और 41 फंसे हुए श्रमिकों को देखा। मुन्ना कुरैशी ने मजदूरों को सफलता के साथ बाहर निकालने के बाद कहा कि जैसे ही मैं अंदर पहुंचा उन्होंने मुझे गले लगाया, तालियां बजाईं और मुझे बहुत-बहुत धन्यवाद दिया। मुन्ना कुरैशी के बाद मोनू कुमार, वकील खान, फ़िरोज़, परसादी लोधी और विपिन राजौत अन्य रैट माइनर्स थे जो अपने कठिन ऑपरेशन के बाद फंसे हुए लोगों तक पहुंचे। टनल में फंसे मजदूर सफलता का लंबे समय से इंतजार कर रहे थे। जैसे ही सब उनके पास पहुंचे तो सब खुशी से झूम उठे।

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