आज यानी की 18 सितंबर को भारतीय सिनेमा की बेहतरीन अदाकाराओं में शामिल शबाना आजमी अपना 73वां जन्मदिन मना रही हैं। 18 सितंबर 1950 को हैदराबाद में जन्मी शबाना आजमी ने तरह-तरह के किरदार निभाए हैं। उन्होंने विशुद्ध मसाला फिल्मों से लेकर आर्ट सिनेमा तक में अदाकारी का हुनर दिखाया है। इनके पिता फेमस शायर काफी आजमी थे और मां स्टेज आर्टिस्ट शौकत आजमी थी। तो आइए जानते हैं उनके बर्थडे के मौके पर शबाना आजमी के जीवन से जुड़ी कुछ रोचक बातों के बारे में…
क्यों की सुसाइड की कोशिश
बता दें कि शबाना आजमी ने बचपन में दो बार सुसाइड करने की कोशिश की थी। दरअसल, शबाना को लगता था कि उनकी मां और बाबा उनसे ज्यादा उनके छोटे भाई को प्यार करते हैं। लेकिन इस बात में जरा भी सच्चाई नहीं थी। ऐसे में एक दिन जब शबाना और उनका छोटा भाई नाश्ता कर रहे थे, तो उनकी मां ने शबाना की प्लेट से एक टोस्ट उठाकर बाबा को दे दिया। उन्होंने ऐसा इसलिए किया, क्योंकि उसकी बस आने वाली थी। ऐसे में शबाना ने चुपचाप नाश्ते की टेबल छोड़ दी।
इसके बाद जब शबाना स्कूल चली गई और फिर उन्होंने स्कूल की लेबोरेट्री में कुछ खा लिया। ऐसा उसने इसलिए किया, क्योंकि शबाना को लगता था कि उनके मां-पापा बाबा को ज्यादा प्यार करते हैं। वहीं दूसरा सुसाइड अटेम्प्ट इसलिए किया, क्योंकि उनके पेरेंट्स ने उनपर सख्ती दिखाई और घर से बाहर निकाल दिया। जिसके बाद पता चला कि वह ग्रांट रोड रेलवे स्टेशन पर ट्रेन के आगे आने की कोशिश की थी। लेकिन वहां पर मौजूद स्कूल के चौकीदार ने शबाना आजमी को बचा लिया।
फिल्में
बता दें कि शबाना आजमी ने अब तक 100 से ज्यादा फिल्मों में काम किया। ऐसे में हर बार उन्होंने अपनी बेहतरीन परफॉर्मेंस से अभिनय का लोहा मनवाया है। इसके अलावा 5 बार अभिनेत्री को बेस्ट एक्ट्रेस के नेशनल अवॉर्ड से भी सम्मानित किया जा चुका है। वहीं शबाना आजमी को राष्ट्रीय पुरस्कार अपने नाम किया।
पहली फिल्म
साल 1974 में आई फिल्म अंकुर का निर्देशन श्याम बेनेगल ने किया था। यह शबाना आजमी के करियर की पहली फिल्म थी। इस फिल्म में एक्ट्रेस के अभिनय का जादू कुछ इस तरह से चला कि उनको 1975 में सर्वश्रेष्ठ एक्ट्रेस के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से नवाजा गया था। इस फिल्म में शबाना ने एक दलित महिला लक्ष्मी की भूमिका निभाई थी।
लव स्टोरी
शबाना आजमी और जावेद अख्तर की मुलाकात घर पर हुई थी। जहां पर जावेद शायरी सिखने जाया करते थे। हालांकि जावेद पहले से शादीशुदा था। ऐसे में शबाना का दिल जावेद पर आ गया और जावेद दो बच्चों के पिता भी थे। जब यह बात शबाना के पेरेंट्स को पता चली तो वह काफी नाराज हुए। वहीं शादी के लिए सहमति देने से इंकार कर दिया। लेकिन साल 1984 में शबाना ने परिवार वालों से बगावत कर जावेद अख्तर से शादी कर ली। फिर साल 1985 में जावेद अख्तर और हनी ईरानी का डिवोर्स हो गया।