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Shatrughan Sinha Birthday: हीरो बनने से पहले शत्रुघ्न सिन्हा ने फिल्मों में निभाई खलनायक की भूमिका, आज मना रहे 78वां जन्मदिन

बॉलीवुड के दिग्गज एक्टर शत्रुघ्न सिन्हा आज यानी की 09 दिसंबर को अपना 78वां जन्मदिन मना रहे हैं। न सिर्फ फिल्मों में बल्कि राजनीति में भी शत्रुघ्न सिन्हा ने अपनी एक अलग पहचान बनाई। वह फिर बॉलीवुड फिल्मों के हीरो हों या विलेन या फिर मंत्री हों या विपक्षी सांसद, शत्रुघ्न सिन्हा अपने हर किरदार में हिट रहे। तो आइए जानते हैं उनके जन्मदिन के मौके पर शत्रुघ्न सिन्हा के जीवन से जुड़ी कुछ रोचक बातों के बारे में…
जन्म और शिक्षा
बिहार के पटना में 09 दिसंबर 1945 को शत्रुघ्न सिन्हा का जन्म हुआ था। इनके पिता का नाम भुवनेश्वरी प्रसाद सिन्हा तथा माता श्यामा देवी था। शत्रुघ्न के पिता चिकित्सक थे और वह चाहते थे कि उनका बेटा भी डॉक्टर बनेष लेकिन शत्रुघ्न बचपन से ही फिल्मों में काम करने की इच्छा पाल बैठे थे। ऐसे में पिता की इच्छा को दरकिनार करते हुए उन्होंने फ़िल्म एण्ड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ पुणे में एडमिशन ले लिया।
फिल्मी सफर
बता दें कि शुरुआती दिनों में शत्रुघ्न सिन्हा को कटे होंठ के कारण फिल्में नहीं मिल रही थी। ऐसे में अभिनेता प्लास्टिक सर्जरी कराने की सोचने लगे थे। लेकिन देवानंद ने उन्हें ऐसा करने से मना कर दिया था। वहीं अभिनेता के चेहरे पर एक लंबे कट का निशान है। यह निशान खलनायकी में उनका प्लस प्वाइंट बन गया। अभिनेता ने अपने एक्सप्रेशन में फेस के इस कट का जबरदस्त इस्तेमाल कर अपने अभिनय को बेहद शानदार बनाने का काम किया।
साल 1969 में फिल्म ‘साजन’ से शत्रुघ्न सिन्हा ने अपने फिल्मी करियर की शुरूआत की। उनकी डायलॉग डिलीवरी अभिनेता राजकुमार की तरह एकदम मुंहफट रही। यही कारण है कि शत्रुघ्न सिन्हा को ‘बड़बोला एक्टर’ घोषित कर दिया गया। क्योंकि अभिनेता के मुंह से निकलने वाले शब्द बंदूक की गोली के समान होते थे। जिसके कारण शत्रुघ्न सिन्हा को ‘शॉटगन’ का टाइटल भी दे दिया गया। शत्रुघ्न ने चार दशक में करीब 200 से अधिक हिंदी फिल्मों में काम किया है। वहीं फिल्मों में उनके निगेटिव रोल पसंद किए जाने लगे। इसके अलावा अभिनेता ने एक्टिंग के साथ-साथ ‘दोस्त’, ‘कशमकश’ और ‘दो नारी’ फिल्मों में गाने भी गाए हैं।
हीरो बनने से पहले बने विलेन
जब हिंदी सिनेमा में बिहारी बाबू उर्फ शॉटगन उर्फ शत्रुघ्न सिन्हा की एंट्री हुई, तो उस दौर में मल्टी स्टारर फिल्में बॉक्स ऑफिस पर तगड़ी कमाई कर रही थीं। वहीं अपनी कड़क आवाज और चाल-ढाल की मदमस्त शैली की वजह से शत्रुघ्न जल्दी ही दर्शकों के चहेते बन गए। शत्रुघ्न सिन्ह इंडस्ट्री में हीरो बनने आए थे, लेकिन इंडस्ट्री ने उनको खलनायक बना दिया। 50-60 के दशक में केएन सिंह, 60-70 के दशक में प्राण, अमरीश पुरी और अमजद खान विलेन के रूप में छाए थे।
अपनी पहली फिल्म ‘साजन’ के बाद अभिनेत्री मुमजात की सिफारिश पर अभिनेता शत्रुघ्न को फिल्म ‘खिलौना’ मिली। इस फिल्म के हीरो संजीव कुमार थे और शत्रुघ्न को बिहारी दल्ला का रोल दिया गया था। अभिनेता शत्रुघ्न ने इस फिल्म में अपने किरदार को इतनी खूबसूरती से निभाया कि वह रातों-रात निर्माताओं की पहली पसंद बन गए।
अमिताभ बच्चन के साथ की कई फिल्में
शत्रुघ्न सिन्हा ने उस दौर के एंग्री यंग मैन अमिताभ बच्चन के साथ कई फिल्में कीं। साल 1979 में फिल्म ‘काला पत्थर’ आई, जिसमें अमिताभ होरो के रोल में थे। आगे चलकर शत्रुघ्न और अमिताभ ने फिल्म ‘दोस्ताना’, ‘शान’ और ‘नसीब’ जैसी फिल्मों में एक साथ नजर आए।
राजनीतिक सफर
अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा का राजनीतिक सफर काफी शानदार रहा। राजनीति में उन्होंने अपनी एक अलग पहचान बनाई और राजनीति में उन्होंने पक्ष-विपक्ष दोनों भूमिका अदा की। भारतीय जनता पार्टी से अपने राजनीतिक सफर की शुरूआत करने वाले शत्रुघ्न सिन्हा आज बीजेपी की धुर-विरोधी तृणमूल कांग्रेस के सांसद हैं। वह पहले नेता हैं, जिन्होंने वाजपेयी सरकार में केंद्रीय कैबिनेट मंत्री बने। मौजूदा समय में शत्रुघ्न सिन्हा बंगाल के आसनसोल क्षेत्र से लोकसभा सदस्य हैं।

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