बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता मनोज कुमार आज यानी की 24 जुलाई को 87वां जन्मदिन मना रहे हैं। उन्होंने अपनी शानदार एक्टिंग से कई सालों तक दर्शकों के दिलों पर राज किया है। बता दें कि मनोज कुमार ने देशभक्ति पर इतनी फिल्में बनाई कि उनका नाम बदलकर ‘भारत कुमार’ कर दिया गया। उन्होंने ‘रोटी कपड़ा और मकान’, ‘पूरब और पश्चिम’,’ क्रांति’ और ‘उपकार’ जैसी हिट फिल्में दी हैं। तो आइए जानते हैं उनके जन्मदिन के मौके पर अभिनेता मनोज कुमार के जीवन से जुड़ी कुछ रोचक बातों के बारे में।
जन्म और परिवार
पाकिस्तान के एबटाबाद शहर में मनोज कुमार का जन्म 24 जुलाई 1937 को हुआ था। उनका असली नाम हरिकिशन गिरि गोस्वामी था। वहीं आजादी के बाद मनोज कुमार का परिवार भारत आ गया था। भारत आने के दौरान मनोज कुमार महज 10 साल के थे। छोटी उम्र में मनोज कुमार ने अभिनेता दिलीप कुमार की फिल्म ‘शबनम’ देखी थी। इस फिल्म में दिलीप कुमार का नाम मनोज था। वहीं वह इस फिल्म से इतना अधिक प्रभावित हुए कि उन्होंने अपना नाम मनोज कुमार रख लिया औऱ अभिनेता बनने की ठान ली।
फिल्मी सफर
पढ़ाई पूरी करने के बाद अभिनय की दुनिया में कदम जमाने के लिए वह मुंबई पहुंच गए। मनोज कुमार दिखने में काफी अच्छे थे, जिसके बाद वह हीरो बनने की चाहत के साथ थिएटर से जुड़ गए। मनोज कुमार ने साल 1957 में आई फिल्म ‘फैशन’ से एक्टिंग करियर की शुरूआत की थी। इस फिल्म में उन्होंने एक 80 साल के बुजुर्ग की भूमिका निभाई थी। इसके बाद साल 1960 में आई फिल्म ‘कांच की गुड़िया’ रिलीज हुई और इस फिल्म में मनोज कुमार ने बतौर लीड एक्टर नजर आए थे। यह फिल्म काफी सफल रही।
मनोज कुमार के फिल्मी करियर की ब्रेकथ्रू फिल्म ‘हरियाली और रास्ता’ रही। साल 1962 में विजय भट्ट के निर्देशन में बनी फिल्म से उनको सफलता मिली। इस फिल्म में मनोज कुमार और माला सिन्हा की जोड़ी को काफी ज्यादा पसंद किया गया था।
ऐसे बदला जिंदगी का रुख
साल 1965 में आई फिल्म ‘शहीद’ से मनोज कुमार का जुड़ाव देशभक्ति आधारित फिल्मों से हुआ था। इस फिल्म में अभिनेता ने भगत सिंह का किरदार निभाया था। इस फिल्म का संगीत काफी सफल रहा और यह आज भी देशभक्ति के गीतों के लिए जाना जाता है।
दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड
बता दें कि साल 1972 में आई फिल्म ‘बेईमान’ के लिए मनोज कुमार को सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के लिए फिल्मफेयर अवॉर्ड दिया गया। इसके बाद साल 1975 में आई फिल्म ‘रोटी कपड़ा और मकान’ के लिए उनको सर्वश्रेष्ठ निर्देशक का फिल्मफेयर अवॉर्ड दिया गया। उनके शानदार फिल्मी सफर को देखते हुए साल 1992 में पद्मश्री अवॉर्ड से नवाजा गया। वहीं साल 2016 में मनोज कुमार को दादा साहब फाल्के पुरस्कार से नवाजा गया।