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Pamela Chopra Death: ‘मैं ससुराल नहीं जाऊंगी’ से ‘घर आजा परदेसी’ तक, इन गानों की वजह से यादों में रहेंगी पामेला चोपड़ा

मनोरंजन जगत के लिए आज एक दुखद खबर आया जब पता चला कि दिवंगत यश चोपड़ा की पत्नी पामेला चोपड़ा का निधन हो गया है। वह 74 वर्ष की थीं। आज सुबह 11 बजे मुंबई में उनका अंतिम संस्कार किया गया। पामेला चोपड़ा एक प्रसिद्ध भारतीय पार्श्व गायिका थीं। उन्होंने फिल्म लेखन और फिल्मों का निर्माण भी किया है। हिन्दी फिल्मों में पामेला चोपड़ा ने कई गाने गाए हैं। उनमें से ज्यादातर अपने पति की फिल्मों के लिए ही रहे है। उनका सफर कभी कभी (1976) से लेकर मुझसे दोस्ती करोगे तक! (2002) का रहा है। प्रसिद्ध अभिनेत्री और वर्तमान टीवी एंकर सिमी गरेवाल की चचेरी बहन पामेला ने 1970 में यश चोपड़ा से शादी की। यश प्रसिद्ध निर्देशक बी.आर. के छोटे भाई थे। 
 

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पामेला चोपड़ा ने शादी के बाद हिंदी और पंजाबी में गाना शुरू किया। वह “मैं ससुराल नहीं जाऊंगा” (चांदनी, 1989), “बन्नो की आएगी बारात” (आइना, 1993), “घर आजा परदेसी” (दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे, 1995), “सुर्ख जोड़े की” जैसी गीतों के लिए जानी जाती हैं। ये जगमगाहट’ (कभी कभी, 1976), एक तवायफ गाना ‘ईधर आ सीतामगर’ (सवाल, 1982), एक कव्वाली ‘आशिक हो तो ऐसा हो’ और सोम्ब्रे ‘उसके खेल निराले’ (दोनों नूरी, 1979 से), ‘ जा रे बहना जा’ (त्रिशूल, 1978)। उनके प्रसिद्ध गानों में सुर्ख जोड़े की ये जगमगाहट’ (कभी कभी, 1976), एक तवायफ गाना ‘ईधर आ सीतमगर’ (सवाल, 1982), एक कव्वाली ‘आशिक हो तो ऐसा हो’ और सोम्ब्रे ‘उसके खेल निराले’ (दोनों नूरी से, 1979), ‘जा रे बहना जा’ (त्रिशूल, 1978) शामिल हैं। 
 

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उन्होंने कई प्रसिद्ध संगीतकारों के लिए गीत गाए। मुख्य रूप से पारिवारिक नाम के तहत रिलीज़ हुई फिल्मों के लिए, जिनमें खय्याम, राजेश रोशन, शिव-हरि, जतिन-ललित, दिलीप सेन-समीर सेन शामिल हैं। पामेला की अन्य भूमिकाएँ भी थीं, जैसे ‘कभी कभी’ के लिए सह-लेखक का काम किया। ‘आइना’ के निर्माण किया। बॉलीवुड की सबसे बड़ी सुपरहिट ‘दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे’ में वह यहयोगी निर्माता थीं। इसके अलावा ‘मोहब्बतें’, ‘मुझसे दोस्ती करोगे’ ‘मेरे यार की शादी है’, ‘वीर जारा’ के निर्माण में भी उनका योगदान रहा है। ‘दिल तो पागल है’ के सह-निर्माता और लेखक, और ‘सिलसिला’ और ‘सवाल’ के लिए ड्रेस डिजाइनर का काम किया।

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