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Tumhari Auqat Kya Hai Piyush Mishra । 7 साल की उम्र में महिला रिश्तेदार ने किया यौन उत्पीड़न, जिंदगी पर झेलना पड़ा इसका दर्द

बॉलीवुड फिल्म इंडस्ट्री के जाने माने अभिनेता और गायक पीयूष मिश्रा इन दिनों काफी चर्चा में बने हुए हैं। दरअसल, अभिनेता ने हाल ही में अपनी आत्मकथा ‘तुम्हारी औकात क्या है पीयूष मिश्रा’ लॉन्च की है, जो ग्वालियर की संकरी गलियों से लेकर दिल्ली में मंडी हाउस के सांस्कृतिक केंद्र और आखिरकार मुंबई पहुंचने की उनकी यात्रा को खंगालती है। इस आत्मकथा में उन्होंने अपनी जिंदगी की कई बड़ी घटनाओं का जिक्र किया है। इसी में अभिनेता ने सात साल की उम्र में उनके साथ हुए यौन उत्पीड़न का भी जिक्र किया है। यौन उत्पीड़न की घटना के बारे में पीयूष मिश्रा ने बात करते हुए कहा कि इसने उन्हें अंदर तक हिला कर रख दिया था।
 

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महिला रिश्तेदार ने किया था यौन उत्पीड़न
पीयूष मिश्रा ने अपनी आत्मकथा ‘तुम्हारी औकात क्या है पीयूष मिश्रा’ में अपने साथ हुए यौन उत्पीड़न का जिक्र किया है। उन्होंने किताब में लिखा कि आज से करीब 50 साल पहले दूर की एक महिला रिश्तेदार ने उनका यौन उत्पीड़न किया था। यह घटना तब की है जब वह सातवीं कक्षा में पढ़ते थे। उन्होंने पीटीआई से बात करते हुए कहा कि यौन उत्पीड़न की घटना ने उन्हें हिला दिया था और वह हैरान थे कि क्या हुआ है। मिश्रा ने आगे कहा, ‘ यौन संबंध बहुत ही स्वस्थ चीज है और इसका पहला अनुभव अच्छा होना चाहिए, अन्यथा यह आपको पूरी जिंदगीभर के लिए दर्द दे जाता है और परेशान कर देता है। यौन उत्पीड़न की वजह से मैं काफी समय कुंठित रहा और इससे उबरने में मुझे काफी वक्त लगा…।’
 

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किताब में बदले रिश्तेदारों के नाम
अभिनेता ने अपनी किताब में महिला रिश्तेदार के नाम का जिक्र किए बिना सच्चाई को हू-ब-हू पेश किया है। किताब में नाम में किए बदलाव पर बात करते हुए पीयूष ने कहा, ‘मैं कुछ लोगों की पहचान छुपाना चाहता था। उनमें से कुछ महिलाएं हैं और कुछ पुरुष हैं जिनका अब फिल्म जगत में अच्छा मुकाम है। मैं किसी से बदला नहीं लेना चाहता। इसलिए मैंने नाम बदल दिए हैं।’
इसके अलावा अभिनेता ने किताब में करियर को लेकर भी बात की है। मिश्रा ने बताया कि उनके पापा उनपर चिकित्सा विज्ञान में करियर बनाने का दबाव डाल रहे थे। तब मिश्रा ने पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी और 20 साल की उम्र में राष्ट्रीय नाटक विद्यालय (एनएसडी) में दाखिला लेने का फैसला किया। वह शुरू में दिल्ली छोड़ने के इच्छुक नहीं थे जबकि उनके दोस्त करियर बनाने के लिए मुंबई चले गए थे। हालांकि, दिल्ली में हिंदी थिएटर में अपना करियर शुरू करने के बाद 2000 की शुरुआत में मिश्रा मुंबई जाकर बस गए। इसके बाद उन्होंने मुंबई में खुद को थिएटर निर्देशक, अभिनेता, गीतकार और गायक के रूप में स्थापित किया।

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