टीवी अभिनेत्री तुनिषा शर्मा की आत्महत्या के मामले में उनके कोस्टार और एक्स बॉयफ्रेंड शीजान खान को सोमवार को भी वसई कोर्ट से राहत नहीं मिली है। इस मामले में शीजान खान के वकील ने अभिनेता की जमानत के लिए अर्जी दाखिल की थी जिस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने इसे 11 जनवरी तक टाल दिया है। इस मामले में अब 11 जनवरी को तुनिषा के वकील को भी अपना पक्ष रखने का समय दिया गया है। इससे पहले इस मामले में सात जनवरी को सुनवाई हुई थी।
अदालत दोनों पक्षों को सुनने के बाद शीजान की रिहाई को लेकर कोई फैसला ले सकती है। बता दें कि टीवी अभिनेत्री तुनिषा शर्मा को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में शीजान खान न्यायिक हिरासत में है। वहीं नौ जनवरी को हुई सुनवाई के दौरान अदालत में शीजान ने कहा, “अगर मैं मुस्लिम ना होता तो ये सब नहीं होता”। शीजान ने कोर्ट को जानकारी दी कि उन्हें या उनकी बहनों को उर्दू नहीं आती है। वो जो भी उर्दू बोलते हैं वो सिर्फ शो के डायरेक्टर के कहने पर ही लाइनें याद कर बोलते हैं। बता दें कि शीजान और तुनिषा साथ में अलीबाबा: दास्तान-ए-काबुल शो में मुख्य किरदार निभाते थे।
जानकारी के मुताबिक तुनिषा के परिवार ने आरोप लगाया था कि शीजान और उनके परिवार के लोग तुनिषा को हिजाब पहने और उर्दू सीखने के लिए बाध्य कर रहे थे। इसी के जवाब में शीजान ने बताया है कि उन्हें खुद उर्दू नहीं आती है। टीवी शो में उनके द्वारा जो भी उर्दू बोली जाती है वो शो का हिस्सा है।
धर्म के कारण हुए गिरफ्तार अदालत में शीजान के वकील ने कहा कि इस पूरे मामले में लव जिहाद का एंगल जान बूझकर लाया गया है। अदालत में उन्होंने कहा कि इस मामले में शीजान को महज उनके धर्म के कारण गिरफ्तार किया गया है।
शीजान-तुनिषा का परिवार आमने सामने बता दें कि तुनिषा शर्मा की आत्महत्या के बाद से ही लगातार इस मामले में कई आरोप लगाए जा रहे है। तुनिषा और शीजान के परिवार वालों ने प्रेस के सामने आकर एक दूसरे पर कई आरोप लगाए है। एक तरफ जहां शीजान के परिवार का कहना था कि तुनिषा की मां विनीता उन्हें पैसों के लिए परेशान करती थी वहीं तुनिषा की मां का आरोप था कि शीजान ने तुनिषा को इस्लाम अपनाने के लिए मजबूर किया था।