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Shilpa Shetty और Raj Kundra को बॉम्बे हाई कोर्ट से मिली बड़ी राहत, यहां जानिए क्या है मामला?

शिल्पा शेट्टी और राज कुंद्रा के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ताजा घटनाक्रम में बॉम्बे हाईकोर्ट ने दंपति को अंतरिम राहत दी है। इससे पहले, दंपति ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, जब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने उन्हें उनके आवास और फार्महाउस को खाली करने का नोटिस भेजा था, जिसे मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जांच एजेंसी ने अस्थायी रूप से जब्त कर लिया था। लेकिन अब कोर्ट ने कहा है कि ईडी उनकी अपील पर फैसला होने तक इन नोटिसों पर अमल नहीं करेगा। प्रवर्तन निदेशालय ने बॉम्बे हाईकोर्ट में कहा है कि वह शिल्पा शेट्टी और राज कुंद्रा को जारी निष्कासन नोटिस पर तब तक अमल नहीं करेगा, जब तक कि उनकी अपील पर कोई आदेश नहीं आ जाता।
कोर्ट ने अब शिल्पा और राज को राहत देते हुए ईडी के आदेश पर रोक लगा दी है। दंपति ने पहले मनी लॉन्ड्रिंग मामले से संबंधित अपने निष्कासन नोटिस को कोर्ट में चुनौती दी थी। चूंकि अदालत ने निष्कासन आदेश पर रोक लगा दी है, शिल्पा और राज के वकील प्रशांत पाटिल ने एक बयान में कहा, “सबसे पहले, हम उन फर्जी मीडिया रिपोर्टों को स्पष्ट करते हैं, जिनमें कहा गया है कि श्री राज कुंद्रा और उनकी पत्नी श्रीमती शिल्पा शेट्टी कुंद्रा क्रिप्टोकरेंसी पोंजी घोटाले में शामिल हैं। यह प्रवर्तन निदेशालय का मामला भी नहीं है। यह स्पष्ट किया जाता है कि श्री कुंद्रा और श्रीमती शेट्टी का कथित पोंजी घोटाले से कोई संबंध नहीं है, जो 2017 से चल रहा है।” 
 

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इस बयान में शिल्पा और राज के पोंजी घोटाले में शामिल होने से भी इनकार किया गया। महाराष्ट्र और दिल्ली पुलिस द्वारा मेसर्स वेरिएबल टेक प्राइवेट लिमिटेड और अन्य व्यक्तियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज किए जाने के बाद ईडी ने जांच शुरू की थी। इसमें अमित भारद्वाज भी शामिल थे। उन पर करीब 10 लाख रुपये जुटाने का आरोप था। 2017 में निवेशकों को 10 प्रतिशत मासिक रिटर्न देने का झूठा वादा करके बिटकॉइन स्कीम के ज़रिए 6,600 करोड़ रुपये जुटाए गए थे। ईडी के अनुसार, राज कुंद्रा भी इसमें शामिल थे और यूक्रेन में बिटकॉइन माइनिंग फ़ार्म स्थापित करने के लिए भारद्वाज से 285 बिटकॉइन लिए थे।
 

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 ईडी ने महाराष्ट्र पुलिस और दिल्ली पुलिस द्वारा मेसर्स वेरिएबल टेक प्राइवेट लिमिटेड, दिवंगत अमित भारद्वाज, अजय भारद्वाज, विवेक भारद्वाज, सिम्पी भारद्वाज, महेंद्र भारद्वाज और कई एमएलएम एजेंटों के खिलाफ़ दर्ज कई एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की, जिसमें आरोप लगाया गया है कि उन्होंने बिटकॉइन के रूप में 10 प्रतिशत प्रति माह रिटर्न के झूठे वादों के साथ भोले-भाले लोगों से बिटकॉइन के रूप में भारी मात्रा में धन (2017 में ही 6,600 करोड़ रुपये) एकत्र किया था। ईडी की जांच से पता चला है कि राज कुंद्रा को यूक्रेन में बिटकॉइन माइनिंग फार्म स्थापित करने के लिए गेन बिटकॉइन पोंजी घोटाले के मास्टरमाइंड और प्रमोटर अमित भारद्वाज से 285 बिटकॉइन मिले थे।

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