Breaking News
-
7 लाख रुपये के इनामी 27 वर्षीय नक्सली ने महाराष्ट्र के गोंदिया में आत्मसमर्पण कर…
-
दुनिया के स्टार फुटबॉलर क्रिस्टियानो रोनाल्डो इन दिनों अपने परिवार संग छुट्टियां मना रहे हैं।…
-
कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक दिल्ली में एआईसीसी मुख्यालय में पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे,…
-
राजधानी दिल्ली में अगले साल होने जा रहे चुनाव में करावल नगर विधानसभा सीट पर…
-
ओटोटी देखने का क्रेज आजकल युवाओं में काफी बढ़ गया है। अगर आप भी ओटीटी…
-
बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की परीक्षा रद्द करने की मांग को लेकर छात्रों का…
-
श्रीनगर । पीडीपी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित…
-
आज बात उसकी करेंगे जिसकी बात पूरा देश कर रहा है। बात महाकुंभ की, दुनिया…
-
भारतीय जनता पार्टी दिल्ली लोकसभा चुनाव में भले सातों सीटें जीत जाती है लेकिन पिछले…
-
भले ही अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी भले ही दिल्ली की सत्ता…
नयी दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को अन्नू कपूर अभिनीत फिल्म हमारे बारह में कथित तौर पर कुछ विवादास्पद संवादों और दृश्यों को चुनौती देने वाली याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया। बंबई उच्च न्यायालय ने 19 जून को निर्माताओं द्वारा कुछ आपत्तिजनक अंशों को हटाने पर सहमति जताने के बाद फिल्म को रिलीज करने की अनुमति दे दी थी। यह मामला शुक्रवार को न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति एस. वी. एन. भट्टी की अवकाशकालीन पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए आया।
पीठ ने याचिकाकर्ता को अपनी याचिका वापस लेने की अनुमति दे दी। याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील ने कहा, इस रिट याचिका के जरिए मैंने फिल्म के कुछ विवादास्पद संवादों और दृश्यों को चुनौती दी है। न्यायालय ने कहा कि पिछले सप्ताह भी इसी तरह की एक याचिका उसके समक्ष आई थी। उसने कहा कि बंबई उच्च न्यायालय ने फिल्म को रिलीज करने की अनुमति दे दी है और याचिकाकर्ता उस आदेश को चुनौती दे सकता है।
उच्चतम न्यायालय ने कहा, उच्च न्यायालय ने इस पर गौर किया है और उसके बाद उसने फिल्म को प्रदर्शित करने की अनुमति दी है। यदि आप अब भी असंतुष्ट हैं, तो इसे चुनौती दें। याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि उन्होंने सात जून को सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी, लेकिन इसे पहले सूचीबद्ध नहीं किया जा सका। पीठ ने कहा, हम इस मामले को आज गुण-दोष के आधार पर सुनने की इच्छुक नहीं हैं। हमें अपनी प्रणाली के अनुरूप प्रक्रिया का पालन करना चाहिए। उसने कहा कि उच्च न्यायालय ने फिल्म देखी है और कुछ दृश्यों और संवादों को हटाने के लिए कहा है।
पीठ ने कहा, यदि आप अनुमति मांगते हैं और (उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ) अपील दायर करते हैं, तो यह उचित होगा कि यह न्यायालय आपके स्वतंत्र आधारों की जांच करे…। इसके बाद वकील ने पीठ से अनुरोध किया कि उन्हें याचिका वापस लेने की अनुमति दी जाए। पीठ ने उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ नयी याचिका दायर करने की आजादी के साथ याचिका वापस लेने की अनुमति दे दी।