Birthday Special | 7 राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीते और 12 फिल्मफेयर… टूटा दिल के साथ संजय लीला भंसाली ने बनाया बॉलीवुड में इतिहास

बॉलीवुड में अपनी अलग पहचान रखने वाले मशहूर फिल्ममेकर संजय लीला भंसाली का जन्म 24 फरवरी 1963 को हुआ था। उनके नाम सात राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार, बारह फिल्मफेयर पुरस्कार और पद्मश्री है। भंसाली ने भारतीय सिनेमा को सबसे अलग फिल्में दी हैं, जिनमें अधूरी प्रेम कहानियां भी शामिल हैं। शायद इसलिए, क्योंकि प्यार के कई रंग परोसने वाले फिल्ममेकर अपनी जिंदगी में आखिरी मंजिल तक नहीं पहुंच पाए। उनके 62वें जन्मदिन के मौके पर जानिए संजय लीला भंसाली की प्रेम कहानी और रोचक तथ्य।
संजय लीला भंसाली और वैभवी मर्चेंट की अधूरी प्रेम कहानी
हाल ही में एक इंटरव्यू में संजय लीला भंसाली ने कहा कि वह अभी भी अकेले हैं और किसी साथी की तलाश में हैं। वैभवी मर्चेंट के साथ भी संजय लीला भंसाली का नाम जुड़ा था, लेकिन ब्रेकअप के बाद उन्होंने न तो शादी की और न ही किसी से अफेयर किया। फिल्ममेकर और कोरियोग्राफर की मुलाकात 1999 में ‘हम दिल दे चुके सनम’ के सेट पर हुई थी। रिपोर्ट्स के मुताबिक, वे 2008 में शादी करने वाले थे। इससे पहले उनकी सगाई भी हो चुकी थी। लेकिन आपसी मतभेदों के चलते दोनों अलग हो गए। तब से संजय और वैभवी अविवाहित हैं।
एसएलबी की मां कपड़े सिलती थीं
संजय लीला भंसाली का जन्म साउथ बॉम्बे के भुलेश्वर में एक गुजराती जैन परिवार में हुआ था। उनकी मां लीला घर चलाने के लिए कपड़े सिलती थीं। यही वजह है कि संजय अपने घर में गुजराती में बात करते हैं और गुजराती खाना खाना पसंद करते हैं। उनकी बहन बेला भंसाली सहगल भी डायरेक्टर हैं। उन्होंने ‘शिरीन फरहाद की तो निकल पड़ी’ का निर्देशन किया है। इस फिल्म की स्क्रिप्ट संजय ने खुद लिखी है।
निर्देशक होने के अलावा…
संजय लीला भंसाली निर्देशक होने के अलावा फिल्म निर्माता, पटकथा लेखक, संपादक और संगीतकार भी हैं। उनकी गिनती सबसे सफल निर्देशकों में होती है। उनके काम की वजह से भारत सरकार ने साल 2015 में संजय लीला भंसाली को पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया। उन्हें पीरियड ड्रामा फिल्में बनाने के लिए जाना जाता है।
एसएलबी की फिल्म बाफ्टा के लिए नामित
संजय लीला भंसाली ने अपने करियर की शुरुआत विधु विनोद चोपड़ा के साथ ‘परिंदा’, ‘1942: ए लव स्टोरी’ में बतौर असिस्टेंट की थी। इसके बाद भंसाली ने फिल्म ‘खामोशी: द म्यूजिकल’ बनाई। इसके बाद उन्होंने ‘हम दिल दे चुके समान’ और ‘देवदास’ का निर्देशन किया। इन फिल्मों को बाफ्टा अवॉर्ड्स के लिए चुना गया। संजय ने साल 2015 में फिल्म ‘ब्लैक’ का निर्देशन किया। इस फिल्म ने राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीता। उनकी फिल्में ‘सांवरिया’ और ‘गुजारिश’ बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप रहीं। इसके बाद उन्होंने ‘राम लीला’, ‘बाजीराव मस्तानी’, ‘पद्मावत’ और ‘गंगूबाई काठियावाड़ी’ जैसी कई हिट फिल्में दी हैं।
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