जागरण संवाददाता, बलिया। जनता की बेहतरी के लिए शासन से कई योजनाएं संचालित की जाती हैं, लेकिन सभी बिंदुओं को ध्यान में रखकर प्लान नहीं बनाए जाने के कारण अव्यवस्था की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। उदाहरण के तौर पर जल जीवन मिशन के तहत बिछाई जा रही पाइप लाइन कार्य को देखा जा सकता है। कार्यदायी संस्था ने पाइप लाइन बिछाने के लिए जिले की छह तहसीलों में 2000 किमी से अधिक सड़क खोद डाली है। इससे 150 करोड़ से अधिक की क्षति बताई जा रही है। यह स्थिति तब है जब शासन ने सख्त निर्देश दिया है कि सड़क क्षतिग्रस्त होने पर मरम्मत भी वहीं करेंगे। कहीं पर शिकायत मिलने पर जुर्माना भी लगाया जाएगा। इसके लिए केंद्र सरकार की ओर से थर्ड पार्टी एजेंसी लगी है। वह एजेंसियां में विभागीय तालमेल कर मनमानी रिपोर्ट भेजने लगी हैं। बारिश के दिनों में यह सडकें जानलेवा हो जाएंगी। सबकुछ देखकर भी जिम्मेदार अधिकारी कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। जल जीवन मिशन के तहत जिले में 4.37 लाख परिवार को हर घर जल योजना से जोड़ने की कवायद चल रही है। 3335 करोड़ की परियोजना के तहत 16 हजार किलोमीटर में पाइप लाइन बिछाने का कार्य चल रहा है। पाइप लाइन बिछ जाने के बाद तीन स्थानों पर वाटर ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित होगा। उससे पानी टंकियों कोे भी जोड़ा जाएगा। वर्ष 2025 तक यह कार्य पूरा होना है। केस एक : बैरिया तहसील क्षेत्र के रेवती और बैरिया में सर्वाधिक सड़कें खराब हुई हैं। जल निगम की ओर से सड़क किनारे गड्ढ़ा खोदने के बाद उसके ठीक से भरा नहीं जा रहा है। ऐसे में सड़क की पटरियां नीचे धंस चुकी हैं। जयप्रकाशनगर के दलजीत टोला में जून-2023 में मुख्यमंत्री का कार्यक्रम लगा था। गांव की सड़कों को उसी समय ठीक किया गया है, लेकिन उसके तीन माह बाद से पाइप लाइन का कार्य शुरू हो गया। इससे जगह-जगह सड़कें खराब हो चुकी हैं। केस दो : शहर से सटे देवकली गांव में पाइप लाइन डालने के क्रम में गांव की सड़क के बीच में ही पाइप लाइन डाला जा रहा है। ठेकेदार सड़क को तोड़कर पाइप तो डाल दिए, लेकिन सड़क को ठीक नहीं किया। इससे ग्रामीणों को अब परेशानी झेलनी पड़ रही है। गांव के त्रिपाठी पांडेय ने बताया कि एक सुविधा को बहाल करने के लिए दूसरी सुविधा को खराब कर देना उचित नहीं हैं। केस तीन : बेलहरी ब्लाक के भरसौता में सड़क की ईंट उखाड़कर पाइप बिछाया जा रहा है, लेकिन सड़कों को ठीक नहीं किया जा रहा है। इससे लोगों की समस्याएं बढ़ गईं हैं। ग्रामीणों ने खोदाई के बाद मिट्टी को ठीक से बैठाने को कहा, लेकिन इस पर ठेकेदार ध्यान नहीं दे रहे हैं। गांव के लोगों का कहना है कि अधिकारियाें के ध्यान नहीं दिए जाने के चलते ही ठेकेदार मनमानी कर रहे हैं। केस चार : नगरा क्षेत्र में भी पाइप लाइन बिछाने के क्रम में सड़कों को तोड़ा गया है। खोदे गए मिट्टी को भरा गया है, लेकिन बारिश होने पर कोई भी सड़क सुरक्षित हाल में नहीं रहेगी। ग्रामीणों के कहने के बावजूद भी ठेकेदार सड़कों को ठीक नहीं करा रहे हैं। जल जीवन मिशन अपर जिलाधिकारी एवं नोडल अधिकारी राजेश कुमार के अनुसार, सड़क खोदकर छोड़ने पर एजेंसियों पर कार्रवाई की जाएगी। खोदी सड़क के मरम्मत के लिए एजेंसी को 15 दिन का समय दिया जाता है। इसके अंदर यदि सड़क का मरम्मत नहीं कराए हैं तो कार्रवाई की जाएगी। मामले की जांच कराते हैं। यह भी पढ़ें- Ballia News: बुलडोजर अभियान के बाद भू-माफिया से मुक्त हुई 477 हेक्टेकर जमीन, अब इन जगहों से अतिक्रमण की मिल रही शिकायतें