जागरण संवाददाता, बलिया। बलिया लोकसभा सीट की हार को भाजपा पचा नहीं पा रही है। अधिसंख्य सियासी दिग्गज हार के कारणों पर जहां मंथन करने में जुटे हुए हैं तो वहीं भाजपा अभी शीर्ष नेतृत्व के निर्णय के इंतजार में है। परिणाम आने के बाद से ही कोई टिकट बंटवारा तो कोई विपक्षियों के संविधान बचाओ दांव को सबसे बड़ा कारण बता रहा है। 2014 में पहली बार खिला कमल हैट्रिक नहीं लगा सका। सपा छोड़ भाजपा में आए पूर्व मंत्री नारद राय का भी जादू नहीं चल पाया है। हालांकि, वह अपने बूथ पर भाजपा को जिताने में सफल रहे, जबकि भाजपा जिलाध्यक्ष संजय यादव खुद अपने बूथ पर ही चुनाव हार गए हैं।