बलिया, जागरण संवाददाता। सरकार के तमाम प्रयासों के बावजूद विद्यालयों में पुरानी टाट-पट्टी की व्यवस्था बनी हुई है। फर्नीचर के अभाव में कई विद्यालयों की स्थिति अभी तक पुराने ढर्रे पर ही चल रही है। शिक्षा क्षेत्र बांसडीह में ऑपरेशन कायाकल्प के काफी हद तक क्रियान्वयन के बाद भी 22 विद्यालयों में अब तक फर्नीचर की व्यवस्था नहीं की जा सकी है। फर्नीचर के अभाव में बच्चे फर्श पर बैठकर पढ़ने को मजबूर हैं। ऑपरेशन कायाकल्प के मानकों के अनुसार सभी परिषदीय विद्यालयों को फर्नीचर से संतृप्त किया जाना आवश्यक है। शिक्षा क्षेत्र में कुल 118 विद्यालयों में 96 विद्यालयों में फर्नीचर की व्यवस्था है। 22 विद्यालय अभी भी फर्नीचर से असंतृप्त हैं। जिम्मेदारी देने के बाद भी काम नहीं हुआ पूरा कायाकल्प की जिम्मेदारी बेसिक शिक्षा विभाग व पंचायती राज विभाग को संयुक्त रूप से दी गई है। ग्राम पंचायतों को फर्नीचर का भुगतान स्टेट फाइनेंस कमीशन के बजट से करने के निर्देश दिये गये हैं । बावजूद इसके शिक्षा क्षेत्र के 22 विद्यालयों में अभी तक फर्नीचर की व्यवस्था नहीं हो पाई है। शिक्षा क्षेत्र बांसडीह में फर्नीचर विहीन विद्यालय क्षेत्र के कंपोजिट विद्यालय बांसडीह, प्राथमिक विद्यालय बांसडीह नंबर एक, दो, अमदौर, बभनौली, बघाव नंबर एक, बहुआरा, बनकटा, बेउर, चकविलियम, छितौनी नंबर दो, डुहीजान, जैदोपुर, किशुनीपुर, मिल्की (केवरा), मुकुंदपुर, परसिया, पिठाइच, पूर, रामपुर, सैदपुरा व प्राथमिक विद्यालय सुहवल में अब तक फर्नीचर की व्यवस्था नही है। शिक्षा अधिकारी ने कही ये बात खंड शिक्षा अधिकारी सुनील चौबे ने बताया कि शिक्षा क्षेत्र में काफी संख्या में विद्यालय फर्नीचर से संतृप्त हैं। जिन विद्यालयों में फर्नीचर की व्यवस्था नहीं है उनकी सूची बनाकर ग्राम पंचायत से सामंजस्य स्थापित कर वहां जल्द व्यवस्था की जाएगी।