जागरण संवाददाता, बलिया। मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में फर्जीवाड़े का असर इसके तीसरे आयोजन पर भी देखा जा रहा है। आठ फरवरी को होने वाला सामूहिक विवाह फिलहाल टल गया है। फर्जीवाड़ा करने वाले अब तक 17 लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं। मंगलवार को पुलिस ने पिछड़ा वर्ग समाज कल्याण विभाग के वरिष्ठ सहायक वीरेंद्र कुमार श्रीवास्तव को गिरफ्तार कर लिया था। बुधवार को किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है, लेकिन विकास भवन में इस प्रकरण को लेकर खलबली का माहौल रहा। नहीं आया अगले आयोजन का आदेश जिला समाज कल्याण अधिकारी दीपक श्रीवास्तव ने बताया कि अभी अगले आयोजन के लिए आदेश नहीं आया है। मामले में सहायक विकास अधिकारी समाज कल्याण विभाग सुनील कुमार, भानू प्रताप और विभाग के पटल सहायक रवींद्र गुप्ता को पहले ही जेल भेजा जा चुका है, जबकि ग्राम विकास अधिकारी मनोज कुमार सिंह को निलंबित कर दिया गया है। जांच अधिकारियों की नजर सत्यापन करने वाले सचिवों पर ज्यादा है। सचिवों की कमी आ रही सामने ब्लाक स्तर से लाभार्थियों का सत्यापन ग्राम पंचायत सचिवों के माध्यम से ही कराया जाता है। इस प्रकरण में सचिवों की कमी ही सामने आ रही है। अधिकांश सचिवों ने बिना मौके पर गए ही लाभार्थियों का भौतिक सत्यापन कर दिया था। पुलिस मास्टरमाइंड की तलाश में जुटी हुई है। इस बार शासन से 1640 लाभार्थियों की शादी कराने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसके सापेक्ष लगभग 2300 ने आवेदन भी किया है। वायरल हुआ था सामूहिक विवाह का वीडियो अभी तक मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह के दो आयोजन हुए हैं। इसमें ल्थरारोड तहसील क्षेत्र के हल्दीरामपुर स्थित इंटर कालेज में 17 जनवरी को सियर, नवानगर, पंदह, नगरा, रसड़ा, गड़वार ब्लाक के 662 जोड़ों की शादी कराई गई थी, जबकि 25 जनवरी को मनियर में 568 जोड़ों ने एक साथ जीने मरने की कसमें खाई थी। मनियर इंटर कालेज में आयोजन के दिन ही इंटरनेट मीडिया पर वीडियो प्रसारित होने के बाद जिलाधिकारी रवींद्र कुमार और सीडीओ ओेजस्वी राज ने जांच शुरू करा दी थी। उपहार में दिए गए सामान की रिकवरी कर ली गई। यह भी पढ़ें: UP Samuhik Vivah: सामूहिक विवाह योजना के 66000 लाभार्थियों के भुगतान पर रोक, गैंगस्टर एक्ट लगाने की भी तैयारी