जागरण संवाददाता, बलिया। मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना (CM Samuhik Vivah Yojna) में हुए जिले में हुई फर्जीवाड़ा के चलते जिले में 355 बेटियों को योजना का लाभ नहीं मिल पाया। इस योजना के तहत जिले में 1640 बेटियों की शादी कराने का लक्ष्य था। इसके लिए 2779 कन्याओं के पिता ने आवेदन किया था, लेकिन जनवरी में हुए दो आयोजनों में बड़े स्वरूप में फर्जीवाड़ा के केस सामने आने के बाद से तीसरा आयोजन ही नहीं हो पाया। दो आयोजनों में 1285 कन्याओं के विवाह कराए गए हैं, लेकिन इसमें भी 250 से अधिक अपात्र पाए गए हैं। फर्जीवाड़ा में शामिल सहायक विकास अधिकारी, जिला समाज कल्याण विभाग के लिपिक सहित कुल 17 लोगों को जेल भेजा जा चुका है। अब चुनाव के चलते जांच की गति भी ठंडी पड़ गई है। सर्वधर्म समभाव तथा सामाजिक समरसता को बढ़ावा देने के लिए वर्ष 2017 में सरकार ने इस योजना को लांच किया था। उसके एक साल बाद वर्ष 2018 से जिलों में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह (CM Samuhik Vivah) के आयोजन भी होने लगे। सरकार ने जिले में छह साल में गरीब वर्ग की 6363 कन्याओं के हाथ पीले कराए हैं। पांच साल तक योजना की व्यवस्था पर कोई सवाल नहीं उठा, लेकिन इस वर्ष मनियर के आयोजन में बिचौलियों ने योजना में सेंध लगा दी। इस वजह से आगे के आयोजन ही नहीं हुए। पिछड़ा वर्ग शादी अनुदान योजना की भी ठंडी पड़ी जांच मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद पिछड़ा वर्ग के बेटियों को शादी अनुदान देने के प्रकरण भी जांच की भी बात कही गई थी, लेकिन यह जांच भी ठंडी पड़ गई है। इस योजना के तहत प्रति लाभार्थी 20 हजार रुपये लाभ दिया जाता है। इस साल शादी अनुदान के लिए 2793 बेटियों के पिता ने आवेदन दिया था। इसमें 1899 के आवेदन का अनुमोदन होने के बाद धनराशि खाते में भेजी गई है। 634 आवेदन अस्वीकृत हुए हैं। योजनान्तर्गत आवेदक द्वारा शादी की तिथि के 90 दिन पूर्व तथा 90 दिन पश्चात तक आवेदन करना अनिवार्य होता है। इस योजना में लाभार्थियों की अभी तक जांच ही पूरी नहीं हुई है। जिला समाज कल्याण अधिकारी दीपक श्रीवास्तव के अनुसार, मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह के लक्ष्य के सापेक्ष तीसरा आयोजन भी होना था, लेकिन आवेदन देने वालों की जब जांच की गई तो उसमें अधिकांश अपात्र ही मिले। ऐसे में आयोजन नहीं हो सका। अब नए सिरे से आवेदन लेकर मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह के आयोजन किए जाएंगे।