संवाद सूत्र, रसड़ा (बलिया)। रसड़ा में स्थित कताई मिल 25 वर्षों से बंद है। इसमें काम करने वाले 1266 मजदूरों का 17.22 करोड़ रुपया मजदूरी बकाया है। इसको लेकर श्रमिक हर समय आंदोलित रहे हैं लेकिन कोई सुनवाई नहीं होती है। शासन स्तर से कोई ठोस कदम न उठाए जाने से श्रमिक आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं। जनपद की बेरोजगारी दूर करने के लिए रसड़ा के नागपुर गांव के पास 90 एकड़ जमीन में 23 करोड़ की लागत से 10 अगस्त 1986 में इस मिल की स्थापना की गई थी। मिल चालू होने से 1500 श्रमिक कार्य कर हजारों लोगों का भरण पोषण करते थे। मार्च 1999 में बंद कर दी गई थी मिल मार्च 1999 में इस मिल को बंद कर दिया गया। मिल प्रबंधन की ओर से 300 मजदूरों की छंटनी कर दी गई। मिल श्रमिकों ने बोनस, फंड, स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति आदि मांगों के साथ-साथ मिल में प्रबंधन की जांच कराने की मांग करते रहे। इसी बीच वर्ष 2017 में 26 एकड़ भूमि उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन को दे दी गई। अभी भी 1200 से अधिक मजदूरों का 17 करोड़ से अधिक रुपया बकाया है। मजदूरों के 17 करोड़ से अधिक हैं बकाया 25 वर्ष से मजदूरों का 17 करोड़ से अधिक बकाया है। श्रमिकों का जब तक बकाया भुगतान नहीं हो जाता है तब तक आंदोलन जारी रहेगा।- जयप्रकाश वर्मा, अध्यक्ष, कताई मिल। विधायक ने कही ये बात कताई मिल के साथ-साथ चीनी मिल को चालू कराने की दिशा में प्रयासरत हैं। इसके लिए कई बार सदन में भी मामले को दमदारी के साथ उठाया जा चुका है। मांगे पूर्ण होने तक हमारा प्रयास जारी रहेगा।- उमाशंकर सिंह, विधायक, रसड़ा यह भी पढ़ें: UP News: डीएम साहिबा! उसने मेरी पांच बीघे की लहलहाती फसल जबरन करा दी नष्ट, जान से मारने की धमकी भी दी
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