जिले के छह आयुर्वेदिक अस्पतालों के भवन चार माह से तैयार हैं। इसमें जल्द ही उपचार शुरू होगा। प्रति अस्पताल 23 लाख रुपये के हिसाब से छह अस्पतालों पर लगभग 1.38 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। जिला प्रशासन मुख्य विकास अधिकारी बलिया ने सभी भवनों का सत्यापन भी करा लिया है। अब सभी भवनों के हैंडओवर की तैयारी है।
गड़वार, सिहांचवर, पशुहारी, हल्दीरामपुर, माल्दह और सुल्तानपुर (बेरुआरबारी) में राजकीय आयुर्वेदिक हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर बनाने का काम कार्यदायी संस्था उत्तर प्रदेश प्रोजेक्ट कारपोरेशन लिमिटेड आजमगढ़ की देखरेख में हुआ। अब कार्यदायी संस्था सभी भवनों को हैंडओवर करने को तैयार है। राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय सिहांचवर के प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ. रणविजय सिंह ने बताया की जांच टीम को जरूरी बातें बता दी गई थीं।
अगर भवन मिल जाता तो मरीजों को चिकित्सा सुविधाओं में वृद्धि हो जाती। यहां हर्बल गार्डन विकसित कर पंचकर्म पद्धति से मरीजों का इलाज भी शुरू हो जाता। हमलोग भी भवन हस्तांतरण का इंतजार कर रहे हैं। जिले में पहले से 60 आयुर्वेदिक अस्पताल संचालित हो रहे हैं। चार लाख से बनेगी चहारदीवारी प्रत्येक अस्पताल भवन के निर्माण पर 23 लाख के अलावा चहारदीवारी बनाने पर करीब चार लाख रुपये खर्च होने हैं
। ठेकेदार राकेश सिंह ने बताया कि विभाग भवन ले लेता तो आगे चहारदीवारी का काम पूरा कराने का काम शुरू होता। निर्माण के लिए आधी राशि जारी भी हो चुकी है। नए भवन में मिलेंगी ये सुविधाएं ओपीडी में रोजाना सामान्य मरीजों को परामर्श। हर्बल गार्डन के माध्यम से पौधों के औषधीय गुणों की जानकारी। योग प्रशिक्षण। घुटने के मरीजों की सेंकाई। भविष्य में मरीज भर्ती हो सकेंगे। अस्पताल भवन का निर्माण कार्य पूरा हो गया है, लेकिन अभी भी कुछ कार्य होने शेष हैं। अपनी रिपोर्ट के साथ सभी ठेकेदार मिलें, उसके बाद ही भवन हैंडओवर की प्रक्रिया पूर्ण की जाएगी।
-आरआर मिश्रा, जिला विकास अधिकारी, बलिया नए आयुर्वेदिक अस्पतालों में जल्द इलाज शुरू कराने के लिए तेजी से कार्य किया जा रहा है। जल्द ही हैंडओवर की प्रक्रिया पूर्ण करा ली जाएगी। उसके बाद गाइडलाइन के अनुसार उपचार शुरू हो जाएगा। डॉ. अनिल सिंह, जिला आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी, बलिया इसे भी पढ़ें: सफेद रंग की कार से जा रहे थे तस्कर, पुलिस को मुंबई से मिली सूचना; गाड़ी में खोलकर देखा तो उड़े होश…