जागरण संवाददाता बलिया। मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में फर्जीवाड़ा करने के मामले में पुलिस अब तक 240 से अधिक अपात्रों का बयान दर्ज कर चुकी है जबकि जेल भेजे गए कर्मियों एवं बिचौलियों से पूछताछ करने के लिए अदालत से अनुमति लेने की तैयारी में है। इस मामले में तत्कालीन जिला समाज कल्याण अधिकारी एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी की भूमिका की भी जांच चल रही है। पूरे प्रकरण की जांच कर रहे सीडीओ ओजस्वी राज की ओर से अभी तक अंतिम रिपोर्ट डीएम को नहीं सौंपी जा सकी है। एसपी देवरंजन वर्मा ने बताया कि आरोपितों के बयान दर्ज करने के लिए पांच प्रभारी निरीक्षकों को लगाया गया है। जेल में बंद आरोपितों से भी पूछताछ करने के लिए नियमानुसार प्रक्रिया की जाएगी। यह था पूरा मामला बेल्थरारोड तहसील क्षेत्र के हल्दीरामपुर स्थित इंटर कालेज में 17 जनवरी को सियर, नवानगर, पंदह, नगरा, रसड़ा, गड़वार ब्लाक के 662 जोड़ों की शादी कराई गई थी जबकि 25 जनवरी को मनियर में 568 जोड़ों ने एक साथ जीने मरने की कसमें खाई थी। मनियर इंटर कालेज में आयोजन के दिन ही इंटरनेट मीडिया पर वीडियो प्रसारित होने के बाद जिलाधिकारी रवींद्र कुमार और सीडीओ ओजस्वी राज ने अधिकारियों की टीम जांच के लिए लगा दिया। जांच में 250 से अधिक मिले अपात्रों से उपहार के सामान वापस करा लिया गया जबकि सहायक विकास समाज कल्याण विभाग सुनील कुूमार, भानू प्रताप और विभाग के पटल सहायक रवींद्र गुप्ता के खिलाफ मनियर में मुकदमा दर्ज कराया गया। पुलिस मनियर पुलिस ने पहले ही दिन तीनों कर्मियों सहित 13 बिचौलियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। इसके पश्चात फर्जीवाड़ा में शामिल ग्राम विकास अधिकारी मनोज कुमार सिंह को निलंबित कर दिया गया है। जांच में पुलिस ने पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के वरिष्ठ सहायक वीरेंद्र कुमार श्रीवास्तव को भी गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है। नित रोज मिल रहे अपात्र, गुपचुप तरीके वापस कराए जा रहे उपहार बेल्थरारोड में आयोजित सामूहिक विवाह में भी बड़ी संख्या में अपात्र मिल रहे हैं। गुपचुप तरीके से अपात्रों से उपहार के सामान वापस कराए जा रहे हैं लेकिन अभी तक दोषी लोगों पर जिला प्रशासन की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की जा सकी है। अब अधिकारी मामले में कार्रवाई करने के बजाए सलटाने में जुटे हुए हैं। नगरा, सियर सहित अन्य ब्लाकों में मिल रहे अपात्रों की स्थिति के संबंध में अधिकारी कुछ भी बताने से कतरा रहे हैं। सीडीओ ओजस्वी राज का कहना है कि दो-तीन दिन में स्थित स्पष्ट हो जाएगी। मामले में जो भी दोषी होंगे उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।