जागरण संवाददाता, बलिया। चुनाव आते ही उम्मीदवार और दावेदार दरवाजे-दरवाजे पर हाजिरी लगाने लगते हैं। पूर्वांचल के एक ऐसे नेता थे, जो चुनाव के समय वोट मांगने नहीं जाते थे लेकिन उनके पक्ष में वोट गिरने लगते थे। युवा तुर्क कहे जाने वाले पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर हर समय जनता की सेवा में जुटे रहते थे, जब चुनाव का समय आए तो वह दिल्ली में रहते थे। द्वाबा क्षेत्र के रामाण यादव बताते हैं कि वह कभी वोट मांगने नहीं आते थे। जनता खुद उनके पक्ष में प्रचार करती थी और वोट गिरा देती थी। फेफना के शाबिर बताते हैं कि उनसे मिलने पर अपनापन झलकने लगता था। वह भूमि के विवाद को लेकर एक बार उनसे मिला था। वह तत्काल थाने को फोन किए थे। मामले का निस्तारण हो गया।