यह कहावत तो सबने सुनी होगी कि, ‘एन एप्पल ए डे, कीप्स डॉक्टर अवे’। लेकिन क्या सेब को साबुत खाना बेहतर है या जूस के रूप में पीना? एक्सपर्ट से जानिए कि जूस की तुलना में पूरा फल चुनना हमेशा अधिक फायदेमंद क्यों होता है। साबुत सेब फाइबर, विटामिन और खनिजों का एक पूरा पैकेज प्रदान करते हैं। जबकि जूस बनाते समय 4 से 5 सेबों का जूस थीक हो जाता है, जिससे चीनी और कैलोरी की मात्रा काफी बढ़ जाती है, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। इसके अतिरिक्त, सेब में घुलनशील फाइबर होता है, जो पाचन में सुधार करता है और आंत में लाभकारी बैक्टीरिया को बढ़ावा देता है। जूस निकालने के दौरान यह फाइबर नष्ट हो जाता है।
सेब बनाम सेब का जूस
हेल्थ एक्सपर्ट के मुताबिक, सेब में आयरन की मात्रा सबसे अधिक होती है, जो रक्त में हीमोग्लोबिन के स्तर को बनाए रखने में मदद करता है और एनीमिया से लड़ सकता है। डॉक्टर का कहना है कि रोजाना एक लाल या हरा सेब खाने से रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है और बीमारियों का खतरा कम हो जाता है। सेब के छिलके में मौजूद पेट्रिन और अन्य पाचन एंजाइम पाचन में सहायता करते हैं, कब्ज और गैस जैसी समस्याओं को रोकते हैं। हालांकि, सेब का जूस पीने से ब्लड शुगर में तेजी से वृद्धि होती है, जिससे लीवर पर दबाव पड़ता है। लेकिन सेब खाने से यह समस्या नहीं होती। इसलिए, एक सेब खाने से उसके जूस पीने के फायदे कहीं अधिक हैं। तो, अगली बार जब आपको सेब का जूस चाहिए, तो इसके बजाय सेब लेने पर विचार करें।