अप्रैल के महीने में तापमान काफी इजाफा हो रहा है। धीरे-धीरे गर्मी अपना प्रचंड रुप दिखाने लगी है। ऐसे में IMD ने हाल ही में दिल्ली समेत राजस्थान, गुजरात जैसे राज्यों में हीटवेव का अलर्ट जारी किया है। इस दौरान आपको सावधान रहने की जरुरत है। अब आपको तेज गर्मी में लू से कैसे बचें इस लेख में हम आपको बताएंगे।
हीट स्ट्रोक के लक्षण
शरीर का तापमान बढ़ना
हीट स्ट्रोक का सबसे बड़ा लक्षण है शरीर का तापमान अचनाक 40°C या इससे अधिक भी हो जाता है। इस दौरान पसीना आना बंद हो जाता है, शरीर की ठंडा होने की प्रक्रिया फेल हो जाती है।
सिरदर्द और चक्कर आना
लू लगन से तेज सिरदर्द होना और पानी की कमी होने लगती है, जिससे सिरदर्द, चक्कर आना या बेहोशी जैसी समस्याएं देखने को मिलती है।
त्वचा का गर्म या लाल होना
लू लगने के बाद स्किन लाल, ड्राई और गर्म हो जाती है। पसीना निकलना बंद हो जाए, तो यह बड़ी गंभीर समस्या हो सकती है।
मतली और उल्टी होना
हीट स्ट्रोक के दौरान जी मिचलना, पेट में जलन, मतली और उल्टी होने लगती है।
मांसपेशियों में ऐंठन होना
डिहाइड्रेशन और इलेक्ट्रोलाइट इंबैलेंस कारण मांसपेशियों में ऐंठन या हाथ-पैरों में दर्द होने लगता है।
दिल की धड़कन तेज होना
हीट स्ट्रोक के कारण हार्ट बीट भी तेज हो जाती है, क्योंकि यह शरीर को खुद को ठंडा करने के लिए ज्यादा मेहनत करता है।
भ्रम या बेहोश होना
ज्यादातार मरीजों को भम्र, बेचैनी या बेहोशी भी हो सकती है। इन परिस्थितियों में डॉक्टर से संपर्क करें।
हीट स्ट्रोक से बचने के उपाय
– जितना होने सके खूब पानी पिएं। दिनभर में 8-10 गिलास पानी जरुर पिएं।
– नारियल पानी, छाछ, नींबू पानी और ओआरएस को घोल काफी फायदेमंद होता है।
– चाय, कॉफी और शराब से बचें, क्योंकि ये डिहाइड्रेशन बढ़ाते हैं।
– गर्मियों मे सूती और लाइट कलर के कपड़े , जो पसीना सोख लें।
– धूप में निकलते समय छाता, टोपी या सनग्लासेस का इस्तेमाल करें।
– इस दौरान दोपहर में 12 से 3 बजे तक धूप में निकलने से बचें। धूप में ज्यादा देर तक न रहें। अगर बाहर जाएं तो अपने साथ पानी की बोतल जरुर लें जाए।
– एसी, कूलर या पंखे के नीचे रहकर ही शरीर को ठंडा रखें। यदि ज्यादा गर्मी लगे तो आप ठंडे पानी से नहाएं और गीले कपड़े से शरीर को पोंछें
– गर्मियों में ताजे फल, हरी सब्जियां, दही और हल्का खाना खाएं।
– सुबह और शाम को एक्सरसाइड जरुर करें।
– हीट स्ट्रोक के दौरान छोटे बच्चे और बुजुर्गों को सबसे ज्यादा खतरा होता है। इसलिए उन्हें हमेशा ठंडा वातावरण में रखें।