यह तो हम सभी जानते हैं कि नवजात शिशु के लिए मां के दूध से बेहतर आहार कोई दूसरा हो ही नहीं सकता है। आमतौर पर, जब मां अपने शिशु को ब्रेस्टफीड करवाती है तो इससे सिर्फ शिशु ही नहीं, बल्कि मां को भी लाभ मिलता है। इससे मां और शिशु दोनों का आपसी बॉन्ड भी मजबूत होता है। हर मां को अपने शिशु को ब्रेस्टफीड करवाना चाहिए। हालांकि, इसे सही तरह से करना भी उतना ही जरूरी है। कई बार मां ब्रेस्टफीड के दौरान कुछ छोटी-छोटी गलतियां कर बैठती हैं। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको ब्रेस्टफीडिंग के दौरान की जाने वाली ऐसी ही कुछ गलतियों के बारे में बता रहे हैं-
सही तरह से लैच न कर पाना
बच्चा सही तरह से ब्रेस्टफीड करे और उसको पेट भर जाए, इसके लिए सही तरह से लैचिंग जरूरी है। कई बार शिशु सही तरह से ब्रेस्ट को नहीं पकड़ पाता है, जिससे मां और शिशु दोनों को परेशानी हो सकती है। हो सकता है कि मां को निपल में दर्द की शिकायत भी हो। इसलिए यह सुनिश्चित करें कि शिशु का मुंह केवल निपल ही नहीं, बल्कि एरिओला के एक महत्वपूर्ण हिस्से को भी ढक ले।
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गलत पोजिशन में ब्रेस्टफीड करवाना
यूं तो ब्रेस्टफीड कई पोजिशन में करवाया जा सकता है, लेकिन आपके और आपके बच्चे के लिए सबसे अच्छा क्या काम करता है, यह जानने के लिए आपको अलग-अलग पोजिशन को ट्राई करके देखना चाहिए। कई बार महिला एक ही पोजिशन में ब्रेस्टफीड करवाती है। लेकिन ऐसा करने से दोनों को ही असुविधा हो सकती है। साथ ही साथ, इससे बच्चे को सही तरह से दूध नहीं मिल पाता है।
एक ही स्तन से दूध पिलाना
यह एक कॉमन मिसटेक है, जो अधिकतर महिलाएं करती हैं। जब वह अपने बच्चे को दूध पिलाती हैं तो हर बार एक ही ब्रेस्ट से दूध पिलाती है। ऐसा करना उन्हें अधिक कंफर्टेबल लगता है। जबकि आपको वास्तव में ऐसा नहीं करना चाहिए। बारी-बारी से दोनों ब्रेस्ट से फीड करवाएं। अन्यथा आपको दूसरी ब्रेस्ट में दर्द की शिकायत हो सकती है।
डकार ना दिलवाना
यह एक जरूरी टिप है, जिसे नजरअंदाज करना बच्चे के लिए काफी मुश्किल भरा हो सकता है। अमूमन जब बच्चा दूध पीता है तो निप्पल को चूसते समय दूध के साथ-साथ कुछ हवा भी उसके पेट में जाती है। इसलिए, जब बच्चा दूध पी ले तो उसे उल्टा करके कमर को हल्का रब करें या फिर उसे कंधे से लगाकर डकार दिलवाएं। अगर आप ऐसा नहीं करते हैं तो इससे बच्चे को पेट में दर्द की समस्या का सामना करना पड़ सकता है।