कॉफी की स्ट्रॉन्ग स्मेल और टेस्ट से मन में ताजगी भर उठती है। कई लोग अपने दिन की शुरुआत एक कप कॉफी के साथ करना पसंद करते हैं। कॉफी पीने से नींद भागती है और शरीर में एनर्जी आती है। आजकल की भागदौड़ भरी ज़िंदगी में लोग कॉफी का अधिक सेवन करते हैं। कोई एग्जाम हो या नाइट शिफ्ट हो, नींद भगाने के लिए कॉफी का एक कप काफी होता है। सीमित मात्रा में कॉफी पीना हमारे स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद है। लेकिन अगर किसी भी चीज़ का ज़रूरत से ज़्यादा इस्तेमाल किया जाए तो उसके नुकसान भी होते हैं। हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, दिन में 3-4 कप से ज़्यादा कॉफी नहीं पीनी चाहिए। ज़्यादा कॉफी पीने से कई स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। आज के इस लेख में हम आपको कॉफी से होने वाले नुकसान के बारे में बताने जा रहे हैं-
– ज्यादा मात्रा में कॉफी का सेवन करना हमारे दिल के स्वास्थ्य के लिए सही नहीं है। कॉफी में मौजूद कैफीन से हार्ट रेट बढ़ता है जिससे घबराहट होने लगती है।
– ज्यादा कॉफी पीने से दिल की बीमारियों का जोखिम बढ़ता है।
– ज्यादा कॉफी पीने से किडनी के स्वास्थ्य पर भी बुरा असर पड़ता है। दरअसल, काफी में मौजूद ऑक्सलेट खून में मौजूद कैल्शियम के साथ जुड़कर कैल्शियम ऑक्सलेट बनाता है जिससे किडनी स्टोन की समस्या होती है।
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– कॉफी में कैफीन की मात्रा अधिक होती है। ज्यादा कॉफी पीने से दिमाग के लिए उत्तेजक का काम करता है, जिससे नींद नहीं आती है। नींद पूरी न होने के कारण गुस्सा और चिड़चिड़ापन होने लगता है।
– कॉफी का ज्यादा सेवन करने से हमारे मस्तिष्क पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। एक अध्ययन में पाया गया कि ज्यादा कॉफी पीने से डिमेंशिया और स्ट्रोक जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ता है।
– ज्यादा कॉफी पीने से पेट खराब हो सकता है। दिन में 3-4 कप से ज़्यादा कॉफी पीने से पेट में एसिड बढ़ जाता है और डिहाइड्रेशन की समस्या भी हो सकती है। अधिक मात्रा में कॉफी का सेवन करने से अपच, गैस और एसिडिटी की समस्या हो सकती है।
– कॉफी का ज्यादा सेवन आपकी सेक्स लाइफ को भी प्रभावित कर सकता है। कॉफी में मौजूद कैफीन से सेक्स ड्राइव कम होती है और इरेक्टाइल डिसफंक्शन जैसे समस्याएं भी हो सकती हैं। ज़्यादा कॉफी पीने से फर्टिलिटी पर बुरा असर होता है और प्रेगनेंसी में बाधा आ सकती है।
– दिन में 2-3 कप से ज्यादा कॉफी पीने से हड्डियाँ कमजोर होने लगती हैं। अधिक मात्रा में कैफीन लेने से हड्डियाँ पतली होने लगती हैं और ऑस्टियोपेरोसिस होने का खतरा भी बढ़ता है।