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Health Tips: आंतों को स्वस्थ बनाने के लिए अपनाएं ये 5 तरीके, गट हेल्थ के लिए नहीं पड़ेगी दवाओं की जरूरत

आंतों के स्वास्थ्य को अक्सर हम सभी नजरअंदाज कर देते हैं। खासकर तब जब तक कोई समस्या नहीं हो। लेकिन अगर आंत का स्वास्थ्य खराब होता है, तो यह शरीर पर कई तरह से असर डाल सकता है। इसका असर सिर्फ पेट की समस्या तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह मूड और इम्यून सिस्टम को भी प्रभावित कर सकता है। जब भी ‘गट माइक्रोबायोम’ की बात की जाती है, तो यह पाचन तंत्र में रहने वाले सूक्ष्मजीवों के समूह की बात होती है। इसमें गुड और बैड दोनों तरह के बैक्टीरिया शामिल होते हैं।

अधिकतर लोगों की आंत में सैकड़ो या हजारों तरह की बैक्टीरिया, फंगल और वायरस होते हैं। यह सूक्ष्मजीवी आपकी सेहत को कई तरह से बेहतर बनाते हैं। जैसे इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाना, खाने से जरूरी पोषक तत्व लेना, सूजन को कम करना, मूड और मानसिक सेहत बेहतर करना और हानिकारक बैक्टीरिया से सुरक्षा करना शामिल है। ऐसे में आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको आंत के स्वास्थ्य को सुधारने के 5 आसान तरीकों के बारे में बताने जा रहे हैं।
फाइबर वाला खाना
फाइबर आंत में अच्छे बैक्टीरिया के लिए भोजन की तरह काम करता है। यह पाचन को बेहतर बनाने के साथ कब्ज जैसी समस्याओं को होने से रोकता है। रोजाना 21 से 38 ग्राम फाइबर तो डाइट में जरूर शामिल करें। इसके लिए आप अपनी डाइट में चना, राजमा, ब्राउन राइस, जई, जामुन, सेब, एवोकाडो, पालक, शकरकंद, ब्रसेल्स स्प्राउट्स, अलसी और चिया आदि को शामिल कर सकते हैं।
पर्याप्त नींद
अच्छे स्वास्थ्य और आंत की सेहत के लिए पर्याप्त नींद लेना बहुत जरूरी है। नींद में कमी होने पर पाचन खराब होने के साथ ही शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो सकती है। इसलिए रोजाना कम से कम 7 से 9 घंटे की नींद जरूर लें। नींद में सुधार के लिए आपको स्क्रीन से बचना चाहिए। वहीं नियमित रूप से सोएं और जागें। साथ ही दिन में हल्का-फुल्का व्यायाम करें।
स्ट्रेस न लें
बता दें कि अधिक स्ट्रेस लेना भी आंत की सेहत के लिए अच्छा नहीं होता है। ज्यादा तनाव की वजह से कब्ज, दस्त और पेट दर्द की समस्याएं हो सकती हैं। तनाव कम करे के लिए आप मेडिटेशन, बेली ब्रीदिंग और रिलैक्सेशन थेरेपी का सहारा ले सकते हैं। 
पानी ज्यादा पिएं
आंत के स्वास्थ्य के लिए आपका हाइड्रेटेड रहना बहुत जरूरी है। पोषक तत्वों को पचाकर शरीर तक पहुंचाने में पानी मदद करता है। इससे कब्ज की समस्या नहीं होती है और यह पाचन तंत्र को भी ही रखता है। इसलिए रोजाना कम से कम 4-6 गिलास पानी जरूर पीना चाहिए। शरीर में पानी की कमी होने पर मुंह सूखना, सिरर्द, थकान, प्यास लगना और चक्कर आना आदि महसूस होने पर आपको पानी पीने की मात्रा बढ़ा देना चाहिए।
रोजाना व्यायाम करें
फिजिकल एक्टिविटी आपकी आंत के बैक्टीरिया को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करती है हर सप्ताह 150 से 270 मिनट व्यायाम करना चाहिए। इसके कई फायदे जैसे- आंत माइक्रोबायोम में सुधार, सूजन कम करना, पाचन बेहतर बनाना है। आप चाहें तो तेज चल सकते हैं और योग या फिर स्ट्रेचिंग कर सकते हैं।

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