यूरिक एसिड बढ़ने से जॉइंट्स पेन, किडनी प्रॉब्लम और बहुत सी स्वास्थ्य संबंधी परेशानिया होने लगती हैं। यूरिक एसिड की अधिकांश मात्रा यूरिन के द्वारा शरीर से बाहर निकल जाती है। लेकिन बॉडी में यूरिक एसिड की जरूरत से ज्यादा मात्रा को किडनी नहीं निकाल पाती जिससे हेल्थ प्रॉब्लम्स की शुरुआत होती है। इसे हाइपरयूरिसिमिया कहते हैं। हल्दी में मौजूद करक्यूमिन कम्पाउंड बढ़े हुए यूरिक एसिड को कंट्रोल करने में सहायक है। यूरिक एसिड की परेशानी में आप हल्दी वाला दूध पी सकते हैं, हल्दी में मौजूद एंटीबायोटिक और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण आपको इन समस्याओं से राहत दिलाते हैं। इससे डाइजेस्टिव सिस्टम बेहतर होता है जिससे बॉडी में मौजूद हानिकारक तत्व बाहर निकल जाते हैं और यह रक्तचाप को भी कंट्रोल करने में हेल्पफुल है।
यूरिक एसिड की अधिक मात्रा से गठिया
यूरिक एसिड की अधिक मात्रा से आप गठिया के दर्द से परेशान हो सकते हैं साथ ही हड्डियों से जुडी अन्य बीमारियां जैसे ऑस्टियोपोरोसिस भी आपको जकड़ लेती हैं, एक सामान्य व्यक्ति में 3.5 से 3.7 तक यूरिक एसिड की मात्रा होनी चाहिए। समय रहते यूरिक एसिड की समस्या पर नियंत्रण नहीं होने से गठिया भयानक रूप ले सकता है। यदि किडनी बढ़े हुए यूरिक एसिड की मात्रा को पूरी तरह नहीं बाहर करती है तो इससे पथरी की समस्या उत्पन्न हो सकती है।
यूरिक एसिड की समस्या में हल्दी कैसे है गुणकारी
एक रिसर्च के द्वारा गठिया की बीमारी में हल्दी के प्रभाव का पता लगाया गया, जिसमें हल्दी में मौजूद करक्यूमिन को हड्डियों की सूजन कम करने में प्रभावी पाया गया,यह सूजन बढ़ने के जिम्मेदार कारको को नष्ट करने में सहायक है। करक्यूमिन आइकेबीए नाम के प्रोटीन को नष्ट करता है जो सेल्स में उपस्थित माइटोकांड्रिया को क्षतिग्रस्त करता है। जिससे हड्डियों में सूजन की समस्या होती है।
कैसे करें हल्दी का सेवन
दूध में एक चम्मच हल्दी पाउडर डालकर सेवन करें शीघ्र परिणाम के लिए इसमें एक चुटकी काली मिर्च पाउडर मिक्स करें।