मानसून का मौसम ताजगी के साथ स्वास्थ्य समस्याओं का अंबार भी लेकर आता है। इनमें पेट से जुड़ी समस्याएं सबसे आम होती है, जिससे ज्यादातर लोग बारिश के दिनों में परेशान रहते हैं। मानसून में कुछ भी खाते ही पेट खराब हो जाता है, दस्त और उल्टी लग जाती है। इसलिए इन समस्याओं से खुद का बचाव करना जरुरी हो जाता है ताकि स्वास्थ्य ज्यादा नहीं बिगड़े और सेहत ठीक रहे और रोजमर्रा के काम होते रहे। ऐसे में चलिए कुछ घरेलू नुस्खों के बारे में आपको बताते हैं, जो मानसून के मौसम में आपके पेट के स्वास्थ्य को ठीक रखेंगे।
जीरा
जीरा आयरन, मैग्नीशियम, कैल्शियम और विटामिन ए, सी और ई जैसे जरुरी पोषक तत्वों से भरपूर होता है। ये सभी पोषक तत्व मानसून में पेट की रक्षा करने में जरुरी भूमिका निभाते हैं। इसलिए बारिश के दिनों की अपनी डाइट में जीरा को जरूर शामिल करें। जीरा पेट को संक्रमणों के प्रति लचीला बनाता है और अगर खाने के बाद उलटी जैसा मन हो रहा है तो ये मन और पेट दोनों को शांत करने में मदद करता है। हर रोज अपने खाने में जीरा डालें या फिर जीरे वाले पानी का सेवन करें।
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अजवाइन
बारिश के मौसम में पेट से जुड़ी सभी समस्याओं से राहत पाने के लिए अजवाइन का सेवन करना फायदेमंद रहेगा। अजवाइन अपने मजबूत रोगाणुरोधी और एंटीसेप्टिक गुणों के लिए मशहूर है। इनके अलावा इसमें फाइबर, विटामिन और खनिज भी अच्छी मात्रा में पाए जाते हैं, जो आंतों में पाचन को तेज करने में मदद करते हैं। इससे अपच, गैस और सूजन जैसी समस्याओं से राहत मिलती है। पाचन में राहत के लिए भोजन के बाद एक चुटकी काले नमक के साथ अजवाइन का सेवन करें।
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कलौंजी
कलौंजी में फैटी एसिड, अमीनो एसिड और कैल्शियम, आयरन और पोटेशियम जैसे पोषक तत्व भरे होते हैं। इसलिए पेट की समस्या होने पर कलौंजी का सेवन करने से फायदा होगा। ये पाचन रस और एंजाइमों के स्राव को उत्तेजित करने में मदद करती है, जो गैस, सूजन और कब्ज जैसी समस्याओं से छुटकारा दिलाती है। कलौंजी में सूजन-रोधी गुण भी होते हैं, जो पेट की परत की मरम्मत करने में मदद करते हैं। सलाद पर कलौंजी के बीज छिड़ककर या शहद के साथ सीधे इसका सेवन किया जा सकता है।