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Health Tips For Men: पुरुषों में ज्यादा होता है हृदय रोगों का खतरा, जानिए कारण और बचाव का तरीका

हृदय रोगों का खतरा महिलाओं की तुलना में पुरुषों में अधिक होता है। इसके पीछे कई हार्मोनल, जैविक और लाइफस्टाइल से जुड़ी वजहें हो सकती हैं। पुरुषों के हृदय स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को कम करने और हृदय को मजबूत बनाने के लिए नियमित व्यायाम, तनाव प्रबंधन, संतुलित आहार और स्वास्थ्य की नियमित जांच बेहद जरूरी है। वहीं आप अपनी लाइफस्टाइल में छोटे-छोटे बदलाव कर हृदय स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को कम कर सकते हैं। ऐसे में यह जानना जरूरी है कि महिलाओं की तुलना में पुरुषों के हृदय स्वास्थ्य को अधिक खतरा क्यों और कैसे हो सकता है। इसलिए आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको बताने जा रहे हैं कि पुरुषों को हृदय स्वास्थ्य को लेकर क्या खास ध्यान देने की जरूरत होती है।

हार्मोनल अंतर
पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन का लेवल उच्च होता है, जोकि एलडीएल को बढ़ाने और एचडीएल को कम करने में अहम भूमिका निभा सकता है। वहीं महिलाओं में एस्ट्रोजन का लेवल दिल को सुरक्षा देने का काम करता है, लेकिन यह सुरक्षा पुरुषों में नहीं होती है।

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लाइफस्टाइल में अंतर
बता दें कि पुरुषों में शराब और धूम्रपान पीने की प्रवृत्ति अधिक होती है। जोकि हृदय रोग का एक बड़ा कारण होता है। वहीं ऑयली फूड, जंक फूड और शर्करा के अधिक सेवन से मोटापा और उच्च कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है।
तनाव और मानसिक स्वास्थ्य
आमतौप पर पुरुष अपने मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान नहीं देते हैं। अधिक तनाव और चिंता लेने पर इसका सीधा असर उनके हृदय पर पड़ता है।
ब्लड प्रेशर और डायबिटीज
हाई बीपी और डायबिटीज पुरुषों में अधिक सामान्य समस्या है। यह हृदय रोगों के जोखिम को बढ़ाते हैं।
जेनेटिक प्रवृत्ति
पुरुषों में आनुवांशिक रूप से हृदय रोग का जोखिम अधिक होता है। ऐसा तब होने के चांसेज अधिक होते हैं, जब परिवार में किसी को हृदय संबंधी समस्याएं रही हों।
हृदय रोगों से बचाव के उपाय
हृदय रोगों से बचाव के लिए दिल की मजबूती करना बेहद जरूरी है। इसके लिए अपनी लाइफस्टाइल में कुछ बदलाव लाना चाहिए। साथ ही अपनी डाइट में पौष्टिक आहार शामिल करें।
हेल्दी डाइट लें
फाइबर युक्त आहार जैसे फल, सब्जियां, साबुन अनाज और दालों आदि का सेवन करें। इसके अलावा डाइट में ओमेगा-3 फैटी एसिड और नट्स आदि को शामिल करें। नमक और शक्कर की मात्रा कम करें।
नियमित व्यायाम करें
रोजाना 30 मिनट दौड़ना, साइकिलिंग या तैराकी आदि करें। इसके अलावा योग और प्राणायाम तनाव को कम करने और ब्लड सर्कुलेशन को सुचारू करने में सहायता करता है।
धूम्रपान और शराब का न करें सेवन
बता दें कि धूम्रपान हृदय की धमनियों को संकुचित करता है और हृदय रोगों का खतरा अधिक बढ़ता है। शराब आदि की सेवन नहीं करना चाहिए।
वेट कंट्रोल में रखें
मोटापा हृदय रोगों का बढ़ा कारण माना जाता है। इसलिए स्वस्थ रहने के लिए वेट कंट्रोल में रखना जरूरी है।
ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल की रेगुलर जांच
कोलेस्ट्ऱॉल, ब्लड प्रेशर और ब्लड शुगर की नियमित जांच कराते रहें। अगर आपको ब्लड प्रेशर या फिर कोलेस्ट्रॉल अधिक है, तो आपको डॉक्टर की सलाह जरूर लेनी चाहिए।

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