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Thyroid Disease: थायरॉइड विकारों के इन लक्षणों को भूलकर भी न करें अनदेखा, जानिए इसको कैसे करें कंट्रोल

पिछले एक-दो दशकों के डेटा पर नजर डालने पर पता चलता है कि कई प्रकार की बीमारियों का खतरा वैश्विक स्तर पर तेजी से बढ़ा है। फिर चाहे हार्ट की बीमारी हो या डायबिटीज की समस्या से लोग बड़ी संख्या में लोग प्रभावित हुए हैं। इसी तरह से थायरॉइड के मामलों में भी काफी तेजी से बढ़ोत्तरी देखने को मिली है। थायरॉइड ग्रंथि में होने वाली दिक्कत की वजह से कई प्रकार की समस्याएं हो सकती हैं।

हमारे गर्दन में तितली के आकार की एक ग्रंथि है, जो थायरॉइड ग्रंथि होती है। यह शरीर में मेटाबॉलिज्म को कंट्रोल करने वाले हार्मोन्स का उत्पादन करती है। यह हार्मोन शरीर के कई अहम कार्यों जैसे- शरीर का तापमान, हृदय गति और वजन को ठीक रखने में सहायता करता है। वहीं खान-पान, हेल्दी लाइफस्टाइल और कुछ पर्यावरणीय कारकों के चलते थायरॉयड विकारों की समस्या बढ़ती जा रही है। बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक और शिशुओं में भी इस विकार का खतरा देखा जाता रहा है।

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आमतौर पर वजन बढ़ने या फिर वजन कम होने को थायरॉइड की समस्या के तौर पर देखा जाता रहा है। ऐसे में आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको उन संकेतों के बारे में बताने जा रहे हैं, जो थायरॉइड विकारों के लक्षण हो सकते हैं।
वजन बढ़ने या कम होने की समस्या
वेट लॉस होना हाइपरथायरायडिज्म का लक्षण हो सकता है। यह एक ऐसी स्थिति है, जिसमें थायरॉइड ग्रंथि अधिक थायरॉइड हार्मोन का उत्पादन करता है। वहीं अगर आपका वेट बढ़ रहा है, तो यह हाइपोथायरायडिज्म का लक्षण माना जाता है। थायरॉइड ग्रंथि में सक्रियता की कमी होने पर मेटाबॉलिज्म धीमा हो जाता है। जिसकी वजह से आपका वजन बढ़ सकता है।
अगर आपका वेट कम या ज्यादा हो रहा है, तो आपको डॉक्टर की सलाह जरूर लेना चाहिए और थायरॉइड की जांच अवश्य कराएं।
थायरॉइड के लक्षण
हाइपरथायरायडिज्म और हाइपोथायरॉइडिज्म के लक्षण अलग-अलग हो सकते हैं। ऐसे में इन लक्षणों पर ध्यान देते रहना जरूरी होता है।
हाइपरथायरायडिज्म की स्थिति में चिड़चिड़ापन, घबराहट और चिंता का अनुभव होना आम बात है। इसके अलावा इसके लक्षणों में वजन घटाने, सोने में परेशानी, मांसपेशियों की कमी या फिर मासिक धर्म चक्र प्रभावित होने की समस्या हो सकती है।
हाइपोथायरायडिज्म होने पर आपका वजन बढ़ने की समस्या, थकावट-कमजोरी और बार-बार चीजों को भूलने जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
भावनात्मक समस्याएं
हाइपरथायरॉयडिज्म में होने वाला हार्मोनल असंतुलन मस्तिष्क के न्यूरोट्रांसमीटर पर प्रभाव डालता है। इसकी वजह से घबराहट, चिंता या बिना किसी स्पष्ट वजह के आपको चिड़चिड़ापन हो सकता है। अक्सर इसको स्वास्थ्य समस्या मान लिया जाता है। लेकिन यह थायरॉयड असंतुलन की वजह हो सकता है। अगर वेट लॉस होने के साथ भावनात्मक समस्याएं हो रही है। तो एक बार थायरॉइड की जांच अवश्य कराएं।
त्वचा-नाखून और आवाज में बदलाव
हाइपोथायरॉइडिज्म की स्थिति की वजह से आपकी स्किन सूखी, पपड़ीदार और मोटी हो जाती है। तो वहीं कुछ लोगों में नाखून टूटने या कमजोर होने की समस्या भी शुरू हो जाती है। आमतौर पर लोग इसको सामान्य स्किन संबंधी समस्या मानते हैं, लेकिन यह थायरॉइड के विकारों का संकेत हो सकता है।
वहीं थायरॉइड ग्रंथि में सूजन होने पर आपकी आवाज भारी हो सकती है। या फिर गले में लगातार खराश महसूस हो सकती है। आमतौर पर यह सर्दी-जुकाम जैसी समस्या पैदा करता है। हालांकि लंबे समय तक यह दिक्कत बनी रहती है और इसकी जांच करवा लें।

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