नवजात बच्चों में जन्म के बाद से ही स्वास्थ्य समस्याएं बढ़ जाती हैं। नवजात बच्चों को सिर्फ हेल्थ से संबंधित नहीं बल्कि बालों और त्वचा संबंधी समस्याएं भी होती हैं। इसलिए माता-पिता को बच्चों का खास ख्याल रखने की सलाह दी जाती है। बच्चों को जन्म के 2-3 महीने बाद स्कैल्प पर क्रैडल कैप की समस्या हो सकती है।
क्रैडल कैप की समस्या होने पर बच्चे के स्कैल्प पर पीली पपड़ीदार परत नजर आती है। जो देखने में दर्द देने वाला नजर आता है। लेकिन कुछ लोग इस समस्या से जुड़ी कुछ बातों से अंजान होते हैं। ऐसे में आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको क्रैडल कैप के बारे में कुछ जरूरी बातें बताने जा रहे हैं।
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शिशुओं में क्रैडल कैप से जुड़ी जरूरी बातें
शिशुओं में होने वाली स्किन समस्या
क्रैडल कैप नवजात बच्चों में होने वाली एक आम स्किन से जुड़ी समस्या है। यह समस्या आमतौर पर बच्चे के पैदा होने के कुछ महीनों बाद होती है। इस समस्या के कारण बच्चे के स्कैल्प पर जन्म के कुछ महीनों तक पपड़ीदार परत नजर आती है। हालांकि यह समय के साथ धीरे-धीरे ठीक भी हो जाती है।
पपड़ीदार पैच
बता दें कि नवजात बच्चों के स्कैल्प पर क्रैडल कैप मोटे, पीले या भूरे रंग के पपड़ीदार पैच के रूप में नजर आते हैं। यह चिकना और डैंड्रफ भरा नजर आता है। इसकी वजह से बच्चों का स्कैल्प काफी खराब नजर आता है।
क्रैडल कैप दर्द रहित
शिशुओं के स्कैल्प पर क्रैडल कैप की समस्या होती है, जोकि देखने में काफी दर्दभरी और समस्या वाली नजर आती है। लेकिन आमतौर पर यह हानिरहित होती है। इसकी वजह से बच्चों के स्कैल्प पर खुजली या उन्हें असुविधा न के बराबर होती है।
हल्की कंघी और ब्रश का करें इस्तेमाल
आमतौर पर हफ्तों या महीनों में शिशुओं के स्कैल्प पर क्रैडल कैप अपने आप ठीक हो जाती है। आप ब्रश और हल्के हेयर वॉश की मदद से क्रैडल कैप को कम या फिर खत्म कर सकती हैं।
इलाज
अगर जरूरत हो तो स्कैल्प पर मौजूद पपड़ी को आसानी से हटाने के लिए आप हल्के बेबी शैंपी या ऑयल का इस्तेमाल कर सकती हैं। हालांकि इसके लिए आप किसी डॉक्टर या एक्सपर्ट की भी सलाह ले सकती हैं।