दालों का सेवन करना सेहत के लिए काफी अच्छा माना जाता है। दालें प्रोटीन सहित कई तरह के पोषक तत्वों से भरपूर होती हैं, जो आपकी सेहत का अधिक बेहतर ख्याल रखती हैं। हालांकि, जब आप दाल को अपनी थाली का हिस्सा बना रहे हैं तो आपको मौसम का भी खास ख्याल रखना चाहिए। दरअसल, जब मानसून का मौसम आता है तो कुछ दालों से बचना ही बेहतर माना जाता है।
ऐसा इसलिए है, क्योंकि इस मौसम में अधिकतर लोगों को गैस, पेट फूलना और एसिडिटी जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। ऐसे में वे अगर कुछ खास तरह की दालों का सेवन करते हैं तो इससे उनके पाचन तंत्र पर अधिक दबाव पड़ सकता है और ऐसे में उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको ऐसी ही कुछ दालों के बारे में बता रहे हैं, जिन्हें आप मानसून में अवॉयड करें-
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उड़द दाल
मानसून के मौसम के दौरान उड़द दाल का सेवन करना अच्छा नहीं माना जाता है। दरअसल, उड़द दाल भारी होती है और पचने में ज़्यादा समय लेती है, जिससे पेट फूलना, गैस और अपच जैसी पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। इसके अलावा, मानसून के दौरान ह्यूमिडिटी बढ़ने से बैक्टीरिया और अन्य रोगजनक अधिक आसानी से पनपने लगते हैं, जिससे संदूषण और संक्रमण का जोखिम बढ़ जाता है।
चना दाल
मानसून में लोगों को चना दाल खाने से बचना चाहिए या फिर इसका सेवन बेहद ही सीमित मात्रा में करना चाहिए। चना दाल को गैस और पेट फूलने का कारण माना जाता है। मानसून का आर्द्र मौसम इन लक्षणों को और बढ़ा सकता है। इसके अलावा, उड़द दाल की तरह, चना दाल भी अपेक्षाकृत भारी और पचाने में मुश्किल होती है, जो मानसून के दौरान पाचन तंत्र पर बोझ डाल सकती है।
लाल मसूर दाल
सेहत के लिए लाल मसूर दाल बेहद गुणकारी मानी गई है। इसमें प्रोटीन, फाइबर, पोटैशियम, मैग्नीशियम, आयरन और विटामिन सी और बी होते हैं। लाल मसूर दाल में फाइबर और पोटेशियम भरपूर मात्रा में होता है, जो इसे दिल और कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने के लिए एक अच्छा विकल्प बनाता है। लेकिन इसमें मौजूद रैफिनोज़ और स्टैचियोज़ जैसी शुगर के कारण पेट फूल सकता है, जिन्हें पचाना मुश्किल होता है।