आज के समय में पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ में तमाम परेशानियों के चलते लोग एंग्जायटी, गुस्सा और स्ट्रेस का शिकार हो रहे हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक किसी व्यक्ति की बीमारी के पीछे 80 फीसदी स्ट्रेस जिम्मेदार होता है। ऐसे में अगर आप भी स्ट्रेस, एंग्जायटी जैसी परेशानियों से बचना चाहते हैं, तो बता दें कि आपके लिए रिफ्लेक्सोलॉजी थेरेपी बेस्ट है। रिफ्लेक्सोलॉजी थेरेपी में हाथ-पैर और कान के रिफ्लेक्स प्वाइंट्स पर मसाज की जाती है। हाथ-पैर और कान के पास कुछ ऐसे प्वाइंट्स होते हैं। जो हमारे शरीर में ब्लड सर्कुलेट करने वाली नसों के साथ जुड़े होते हैं।
सबसे पहले इस थेरेपी का इस्तेमाल प्राचीन इजिप्ट में मरीजों का इलाज करने के दौरान किया जाता था। हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो रिफ्लेक्सोलॉजी थेरेपी स्ट्रेस को कम करने में मददगार है। यह थेरेपी मेंटल हेल्थ के इलाज के लिए बेहद कारगर मानी जाती है। इस थेरेपी से लोग सामान्य स्थिति में आते हैं।
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रिफ्लेक्सोलॉजी थेरेपी
आपको थेरेपी में हाथ-पैरों की मसाज की जाती है। मसाज के दौरान एक्यूप्रेशर प्वाइंट दबाए जाते हैं, जिससे आपके दिमाग को आराम मिलता है और दर्द कम होता है। साथ ही इस थेरेपी से तनाव कम होने के साथ हमारे शरीर को एनर्जी मिलती है। हांलाकि यह थेरेपी किसे कितना फायदा पहुंचाएगी। यह आपकी डाइट और लाइफस्टाइल पर निर्भर करता है। आप सुबह और शाम दोनों समय यह थेरेपी ले सकते हैं। जिससे आपके पूरे दिन की थकान दूर हो जाती है।
रिफ्लेक्सोलॉजी थेरेपी के फायदे
यह थेरेपी डिलीवरी के दौरान होने वाले दर्द को कम करने में सहायक होती है।
वहीं हार्ट सर्जरी के बाद होने वाले तनाव को यह दूर रखने में मददगार होती है।
अर्थराइटिस के दर्द से राहत पाने के लिए भी इस थेरेपी की मदद ली जा सकती है।
कैंसर के दौरान शारीरिक और मानसिक तनाव को भी दूर किया जाता है।
शाम के समय इस थेरेपी को लेने से दिन भर की थकान दूर होती है और आप एनर्जेटिक बने रहते हैं।
कमर दर्द, कब्ज और साइनस से राहत पहुंचाने में रिफ्लेक्सोलॉजी थेरेपी काफी फायदेमंद है।
ऐसे होती है रिफ्लेक्सोलॉजी थेरेपी
रिफ्लेक्सोलॉजी को ‘जोन थेरेपी’ भी कहा जाता है। इस थेरेपी में हाथ-पैर और कान की मसाज और प्रेशर पॉइंट्स पर दबाव दिया जाता है। जिससे आपके शरीर को आराम मिलता है।
इस थेरेपी में शरीर को आराम देने के लिए एसेंशियल ऑयल को हल्का गर्मकर हाथ-पैरों की मसाज करें।
इस दौरान पैरों के अंगूठ और उंगलियों की मसाज करें और हल्के हाथों से ऊपर की तरफ खींचे। इससे आपके सिर, गर्दन और कान के पास का तनाव दूर होता है।
इसके बाद हाथ की उंगली की गांठ से पैरों के नीचे की तरफ 8 बनाएं। इससे आपका दिल और लंग दोनों स्वस्थ रहेंगे।
उंगली से पैरों के बीचों-बीच S बनाएं। इससे आपका डाइजेशन अच्छा होगा और पाचन भी बेहतर होगा।
वहीं अपने पैरों को रिलैक्स करने के लिए पैर के निचले भाग को मसाज करें।
स्पाइन के दर्द से राहत पाने के लिए हाथ के अंगूठे से पैर के पंजे के निचले हिस्से की तरफ अंगूठे से लेकर एड़ी तक मसाज करें।