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कहीं आपके बच्चे को हाई ब्लड प्रेशर की शिकायत तो नहीं, पहचानें इन संकेतों से

आज के दौर में बड़ों से लेकर बच्चों तक के लाइफस्टाइल व खानपान की आदतों में कोई बदलाव आया है। यही कारण है कि अब ऐसी कई बीमारियां भी बच्चों को होने लगी हैं, जो कुछ समय पहले तक केवल व्यस्कों में ही देखी जाती थीं। इन्हीं में से एक है हाई बीपी की समस्या। ब्लड प्रेशर का अधिक होना हद्य सहित अन्य कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं की वजह बन सकता है। इसलिए समय रहते इसकी पहचान करना और आवश्यक उपाय करना बेहद जरूरी है। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको बच्चों में हाई बीपी होने के कुछ लक्षण व उसके निदान के बारे में बता रहे हैं- 
नजर आते हैं ये लक्षण
यूं तो बीपी की समस्या को एक साइलेंट किलर माना जाता है, क्योंकि इसके लक्षण जल्द नजर नहीं आते हैं। लेकिन फिर भी आप कुछ संकेतों के जरिए बच्चों में इसकी पहचान कर सकते हैं-
– बच्चों को हाई बीपी के कारण तेज सिरदर्द या चक्कर का अहसास हो सकता है।
– अमूमन ब्लड प्रेशर अधिक होने पर बच्चों को सांस लेने में भी तकलीफ हो सकती है। कुछ बच्चे सीने में दर्द या जकड़न की शिकायत भी कर सकते हैं।
– हाई ब्लड प्रेशर के कारण बच्चों को जी मचलाने या उल्टी की समस्या भी हो सकती है।
– हाई ब्लड प्रेशर के कारण जब उनका शरीर सही तरह से काम नहीं करता है तो इसके कारण उनका व्यवहार भी बदल जाता है और वे चिड़चिड़े हो जाते हैं। 
– हाई ब्लड प्रेशर होने पर बच्चे की दिल की धड़कन भी तेज हो सकती है।

हाई ब्लड प्रेशर के रिस्क फैक्टर
ऐसे कई रिस्क फैक्टर हैं, जो बच्चों में हाई ब्लड प्रेशर की समस्या की वजह बन सकते हैं। मसलन-
– आवश्यक से अधिक वजन या मोटापा 
– उच्च रक्तचाप का पारिवारिक इतिहास 
– कछ मेडिकल प्रॉब्लम्स जैसे हार्मोनल असामान्यताएं या स्लीप एपनिया। 
मोटापा बच्चों में उच्च रक्तचाप के लिए प्राथमिक जोखिम माना जाता है। मोटापा न केवल आपके बच्चे को उच्च रक्तचाप के खतरे को बढ़ाता है, बल्कि हृदय रोग और मधुमेह जैसी कई अन्य स्वास्थ्य समस्याओं की वजह भी बन सकता है।
हाई ब्लड प्रेशर से बचाव के उपाय
अगर आप बच्चों को हाई ब्लड प्रेशर से दूर रखना चाहते हैं तो कुछ आसान उपाय अपनाए जा सकते हैं। जैसे-
– बच्चे का हेल्दी वेट मेंटेन रखने का प्रयास करें।
– बच्चे के खानपान पर ध्यान दें। जहां तक संभव हो, बाहर का खाना अवॉयड करें।
– बच्चों को संतुलित आहार दें। जिससे वह कई तरह की बीमारियों से बच सकें।
– बच्चों के लाइफस्टाइल को एक्टिव बनाएं। उनके साथ कम से कम आधे घंटे के लिए कोई एक्सरसाइज या फिजिकल गेम अवश्य खेलें।
– मिताली जैन

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