गर्मियों का मौसम अपने साथ कई स्वास्थ्य समस्याएं लेकर आता है, इसलिए इस दौरान सेहत का ध्यान रखना जरुरी होता है। मौसमी बीमारियों से बचने के लिए लोगों को अच्छी डाइट लेने की सलाह दी जाती है, जिसमें पोषक तत्वों से भरपूर फल और सब्जियां शामिल हों। हालाँकि, भागदौड़ भरी जिंदगी में डाइट का ध्यान रखना मुश्किल हो जाता है, इसलिए लोग पोषक तत्वों की कमी पूरी करने के लिए फलों के जूस का सेवन करते हैं। फलों के जूस सस्ते और आसानी से बाजारों में मिल जाते हैं, लेकिन सवाल ये है कि क्या सच में ये एक स्वस्थ विकल्प हैं? पोषण विशेषज्ञ की मानें तो फलों के जूस का सेवन करना उतना भी स्वस्थ नहीं है, जितना लोग समझते हैं। ऐसा क्यों? चलिए आपको इसके बारे में विस्तार से बताते हैं।
फलों के जूस में नहीं होते फाइबर- फल फाइबर से भरपूर होते हैं। ये फाइबर जूस निकालने की प्रक्रिया के दौरान फलों से हटा दिए जाते हैं। यह गायब फाइबर चीनी के अवशोषण को धीमा करने और पाचन में सहायता के लिए महत्वपूर्ण है। ऐसे में बिना फाइबर के फ्रूट जूस का सेवन करने का कोई फायदा नहीं है। गर्मियों के दिनों में अच्छे पाचन के लिए शरीर को फाइबर से भरपूर खाना चाहिए, ऐसे में अगर आप बिना फाइबर वाले फ्रूट जूस का सेवन करेंगे तो आपको कब्ज जैसी पेट से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं।
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फलों के जूस दांतों के लिए हानिकारक हो सकते हैं- बहुत से फलों का जूस एसिडिक होता है, जो दांतों के लिए हानिकारक होता है। इसी के साथ इनमें प्राकर्तिक शर्करा भी होती है, जो दांतों की सड़न और इनेमल के खराब होने में योगदान दे सकती है। ऐसे में साबुत फलों का सेवन करना ज्यादा लाभकारी होती है।
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फलों के जूस के सेवन से रक्त शर्करा में वृद्धि होती है- फाइबर निकलने के बाद फलों के जूस में पोषक तत्व कम हो जाते हैं और सिर्फ चीनी से भरे होते हैं। ऐसे में इनका सेवन करने से अचानक रक्त शर्करा में वृद्धि हो सकती है। इतना ही नहीं फलों के जूस आपके कैलोरी सेवन को बढ़ा देते हैं, जिससे आपका वजन तेजी से बढ़ सकता है। फाइबर सहित सभी पोषण संबंधी लाभों का लाभ उठाने के लिए साबुत फलों का सेवन करें, जो आपको संतुष्ट रखता है और पाचन को नियंत्रित करता है।